बदरवास। बदरवास के ग्राम धामनट्रक में परिजन द्वारा उल्टी-दस्त से पीड़ित दो बहनों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर से कराना महंगा पड़ गया। झोलाछाप डॉक्टर से इलाज के बाद दोनों बहनों की हालत बिगड़ी तो परिजन बदरवास अस्पताल ले गए जहां उपचार के दौरान मंगलवार की सुबह 10 वर्षीय राधिका पुत्री रामकृष्ण जाटव की मौत हो गई, वहीं 6 वर्षीय उसकी छोटी बहन खुशी जाटव को गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि, शिवपुरी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी जिले में झोलाछाप डॉक्टर के मजबूत नेटवर्क को स्वयं स्वीकार करते हैं परंतु इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।
मृतक बच्ची के मामा दर्शन जाटव ने बताया कि राधिका और खुशी की अचानक 25 अगस्त को तबीयत बिगड़ी और उल्टी दस्त होने लगे। जिसके बाद माता-पिता ने दोनों का गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया था। जब खुशी की हालत में सुधार नहीं हुआ तो पिता सहित अन्य परिजन उसे 26 अगस्त को बदरवास अस्पताल ले गए जहां से खुशी को गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल शिवपुरी रेफर कर दिया। खुशी को जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है जहां उसकी गंभीर हालत बनी हुई है।
आईसीयू में भर्ती खुशी जाटव
दर्शन ने बताया कि सोमवार की रात अचानक राधिका की तबीयत बिगड़ी तो मैं उसे गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर देवेंद्र धाकड़ की क्लीनिक पर ले गया जहां पहले से उसका इलाज चल रहा था। वहां उसे देवेंद्र धाकड़ ने दो इंजेक्शन लगाए और उसके बाद मैं राधिका को घर लेकर आ गया। रात में राधिका की फिर तबीयत बिगड़ी और वह उल्टी करने लगी।
जिसके बाद मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे राधिका को बदरवास अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। राधिका के मामा का आरोप है कि झोलाछाप के इलाज से उसकी एक भांजी की मौत हुई है। बता दें कि दोनों बहनों की मां बोल नहीं पाती है वहीं पिता मानसिक रूप से बीमार हैं। इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी संजय ऋषिश्वर फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।