शिवपुरी। राजस्व विभाग ने पुलिस भी जंग नहीं जीत पा रही है। पुलिस राजस्व के अधिकारियों के साथ जाकर आमजन के कब्जे या अतिक्रमण को मुक्त कराती है अगर राजस्व के अमले के साथ पुलिस नहीं जाए तो राजस्व का अमला कब्जा या अतिक्रमण को मुक्त नहीं करा सकती,लेकिन भौंती थाना का एक मामला संज्ञान में आया है कि भौंती थाना की जमीन पर रमेश सिंह ने कब्जा कर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। भौंती थाना पुलिस कब्जे को मुक्त कराने के लिए पिछले 10 साल से राजस्व के अधिकारियों के चक्कर लगा रही है।
इस मामले को लेकर तहसीलदार से लेकर अपर आयुक्त ग्वालियर (राजस्व) और हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी है हाईकोर्ट ओर अपर आयुक्त का फैसला पुलिस के पक्ष मे आया है लेकिन फिर भी पुलिस अपनी ही भूमि को मुक्त नहीं करा सकी है। अब मामला जिला कलेक्टर रविंद्र चौधरी के संज्ञान में आया है अब उम्मीद की जा रही है कि पुलिस की जमीन पर कब्जा मुक्त हो जाऐगा।
अपर आयुक्त ग्वालियर (राजस्व) ने तहसीलदार का आदेश निरस्त कर दिया
शिवपुरी जिले के पिछोर ब्लॉक में भौंती थाना के नाम से भूमि सर्वे क्रमांक 582 रकवा 1.22 हेक्टेयर आवंटित है, जिस पर थाना भवन और जवानों के आवास बने हैं। पुलिस को आवंटित इसी जमीन से वर्ष 2009 में तत्कालीन पिछोर तहसीलदार रघुराज सिंह तोमर ने नियम विरुद्ध ढंग से भोंती निवासी रमेश सिंह पुत्र गोवर्धन सिंह को 10 फीट का रास्ता दे दिया। इसे बाद में अपर आयुक्त ग्वालियर (राजस्व) ने गलत मानते हुए निरस्त भी कर दिया। लेकिन इसी एक आदेश की वजह से पुलिस अब अपने थाना परिसर की बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं कर पा रही है।
यह कहना है रमेश सिंह का
जिस रमेश सिंह पर थाने की जमीन कब्जाने का आरोप है, उनका कहना है कि तहसीलदार ने रास्ता दिया था। इसके बाद पुलिस ने एसडीएम के यहां अपील की, वहां भी तहसीलदार का आदेश सही माना गया। इसके बाद पुलिस ने अपर आयुक्त के यहां अपील की और अपने प्रभाव का उपयोग कर फैसला अपने पक्ष में करा लिया। इधर तत्कालीन तहसीलदार रघुराज सिंह तोमर का कहना है कि 15 साल पुराना मामला है इसलिए याद नहीं है।
तत्कालीन एडीएम ने नहीं दी त्रुटि सुधार की अनुमति
इस मामले में त्रुटि सुधारने वर्ष 2023-24 में तत्कालीन एसडीएम अरविंद शाह ने तत्कालीन एडीएम विवेक रघुवंशी से अनुमति मांगी। रघुवंशी ने प्रकरण वापस भेजते हुए टीप लगाई कि जिस 10 फीट के रास्ते का विवाद है, वह किस सर्वे नंबर में है। जब तत्कालीन एडीएम रघुवंशी से बात की तो उन्होंने कहा कि वे कोई प्रकरण पेंडिंग नहीं रखते। प्रकरण में कुछ कमी होगी तो लौटाया होगा। वहीं तत्कालीन एसडीएम शाह का कहना है कि उन्होंने सीमाकंन कराकर अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। उसमें आगे क्या हुआ यह नहीं मालूम।
जल्द कार्रवाई करेंगे
मुझे इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। पुलिस को मुझे इस मामले से अवगत कराना चाहिए था। मैं दिखवाता हूं, जो कार्रवाई होगी करेंगे। रविंद्र कुमार चौधरी,कलेक्टर शिवपुरी
हाईकोर्ट ने त्रुटि सुधारने के लिए कहा था
ग्वालियर हाईकोर्ट ने 1 मई 2023 को आदेश पारित कर पिछोर एसडीएम को दो माह में बंदोबस्त के समय हुई त्रुटि को सुधारने को कहा, लेकिन अमल नहीं हुआ। पिछोर थाना प्रभारी ने 20 मई 2024 को फिर एसडीएम को पत्र लिखकर हाईकोर्ट का आदेश याद दिलाया। लेकिन त्रुटि का सुधार अब तक नहीं हुआ।