भोपाल। ग्वालियर दक्षिण अफ्रीका से लाकर मप्र के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए सभी चीतों को जल्द ही खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। अगले सप्ताह चीता स्टीयरिंग कमेटी की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। पिछले वर्ष वर्षा काल में चीतों के गले में कॉलर आईडी से हुए संक्रमण और कुछ चीतो की मौत की घटना के बाद चीतों को बाड़े में रखा गया है। वर्तमान में महज एक चौता खुले जंगल में है।
कूनो में 13 वयस्क चीता व 12 शावक हैं। चीता स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष डा राजेश गोपाल के अनुसार चीतों को छोड़ा जाना आवश्यक है। अन्यथा बाड़ों में रहकर वह अपना प्राकृतिक व्यवहार और शिकार के लिए मेहनत करना भूल सकते हैं या आलसी हो सकते हैं।
कूनो पार्क प्रशासन ने वर्षा काल में चीतों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए खासा प्रयास किया। चीतो को वैक्सीनेट भी किया गया है। अब चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाना है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसमें चोतों के शिकार से लेकर सुरक्षा संबंधी सभी बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है।
चीता स्टीयरिंग कमेटी के सभी सदस्यों की सहमति के बाद चीतों को जंगल में छोड़ने पर निर्णय लिया जाएगा। चीतों की मॉनिटरिंग आगे जारी रहेगी, क्योंकि जंगल में घास ऊंची हो जाने से उन्हें देखने में परेशानी होगी। वहीं वह आबादी क्षेत्र में आ सकते हैं, इसलिए सावधानियों को अपनाकर ही इन्हें बाहर छोड़ा जाएगा।
राजेश गोपाल ने कुछ चीतों का चेकअप भी किया है, जिसमें यह देखा गया कि उनके गले पर इंफेक्शन की नहीं है। जांच में चीते स्वास्थ्य के दृष्टिगत सुरक्षित पाए गए हैं। कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल जुलाई व अगस्त माह में वर्षा काल के दौरान कालर आइडी के कारण चीतों की गर्दन पर इंफेक्शन हो गया था, इसके बाद दो चीतों की मौत हो गई थी। तभी से चीतों को बड़े बाड़े में रखा गया है।