करैरा। खबर शिवपुरी जिले के करैरा जनपद की सिरसौद पंचायत से हैं जहां कई सालों पहले एक प्रेमी जोड़े ने समाज के विरूद्ध जाकर शादी कर समाज से अलग रहने लगे थे। लेकिन विवाह के बाद दोनों पति-पत्नी जैसे तैसे एक झोपड़ी में रहकर अपना गुजारा करने लगे। लेकिन पत्नी की बीमारी के चलते मौत हो गई, जिसके बाद पति अपनी पत्नी की अंतिम विदाई के लिए परिजनों व लोगों को बुलाने गया,लेकिन किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया, लेकिन यह सब देख सरपंच ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सम्मानपूर्वक महिला को अंतिम विदाई दी। पति की मौजूदगी में उसे दफनाया गया।
करैरा के सिरसौद चौहाहे के रहने वाले सपेरा समाज से ताल्लुख रखने वाले परमार सिंह उम्र 50 साल पत्नी रेखा सिंह उम्र 45 साल के साथ करीब 7 महीने से सिरसौद चौराहे के पास एक झोपड़ी में रहकर गुजर-बसर कर रहे थे। गुरुवार सुबह सिरसौद चौराहे के काली माता मंदिर की चौखट पर रेखा मृत अवस्था में मिली थी। परमाल सिंह ने बताया कि पत्नी रेखा बीमार थी। सुबह कब वह मंदिर तक पहुंची, इसका पता उसे नहीं लगा।
परमाल और रेखा मगरौनी के किशनपुर झंडापुर गांव के रहने वाली हैं। परमाल सिंह ने कई साल पहले रेखा सिंह से शादी की थी, जो सपेरा समाज के नियम विरुद्ध थी। इसके चलते दोनों को समाज और गांव से बेदखल कर दिया गया था। रेखा की मौत के बाद परमाल सिंह ने पत्नी के शव को गांव नहीं ले जाने का कहते हुए सिरसौद में ही दफनाने का आग्रह किया।
परमाल और रेखा मगरौनी के किशनपुर झंडापुर गांव के रहने वाले हैं। परमाल सिंह ने कई साल पहले रेखा सिंह से शादी की थी, जो सपेरा समाज के नियम विरुद्ध थी। इसके चलते दोनों को समाज और गांव से बेदखल कर दिया गया था। रेखा की मौत के बाद परमाल सिंह ने पत्नी के शव को गांव नहीं ले जाने का कहते हुए सिरसौद में ही दफनाने का आग्रह किया।
सरपंच अंतर सिंह लोधी और ग्रामीणों ने मिलकर रेखा सिंह की अंतिम यात्रा निकालते हुए जेसीबी की मदद से गांव में ही गड्डा खुदवाया और परमाल सिंह ने पत्नी को अंतिम विदाई दी।