शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिल रही हैं जहां कई वर्षों से पट्टे की जमीन पर खेती कर रही आदिवासी महिला को गांव के दबंगों ने उसकी जमीन छीन उसको भूखा मरने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही महिला ने इसकी शिकायत कईयों पर तहसीलदार व पटवारी से की,लेकिन अभी तक कहीं भी कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं।
जानकारी के अनुसार निवासी ग्राम भोजपुर हाल सोनीपुरा पोहरी की रहने वाली सरोज आदिवासी ने बताया कि मैं एक गरीब आदिवासी महिला हूं और मैं मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन कर रही हूं, सरकार के द्वारा मुझे पट्टे 5 बीघा भूमि दी गई थी, जिस पर मेरे सास ससुर व मैंने 25 साल खेती की,लेकिन मैंने किसी कारणवश दूसरी जगह बटाई करने लगी। क्योंकि मेरे पास खेती करने के लिए लागत नहीं थी।
इसी का फायदा उठाकर नंदकिशोर धाकड़ ग्राम पिपरघार ने फर्जी तरीके से पट्टे की जमीन को उसकी पत्नी प्रेमवती के नाम राजस्व अभिलेख में करा लिया है, जबकि प्रेमवती धाकड न तो ग्राम मचा खुर्द की निवासी है और न ही भूमि पर कभी कब्जा रहा है फिर भी शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम करा लिया है।
प्रेमवती पत्नी नंदकिशोर न तो कभी भूमिहीन व्यक्ति रही है उसके परिवार के पास ग्राम पिपरघार में 20.25 वीधा कृषि भूमि है। यह कि प्र० क्र० 43/1998-99 31.19 से प्रेमवती अपने को भूमि का स्वामी मान रही है उक्त प्रकरण व आदेश को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पोहरी ने कूटरचित एवं फर्जी होने बाबत अपना प्रतिवेदन कलेक्टर शिवपुरी को दिया है।
प्रकरण की संपूर्ण आदेश पत्रिका एवं कथन, पटवारी प्रतिवेदन पर न तो पटवारी के हस्ताक्षर है और न ही पटवारी के कथन लिये है। उक्त भूमि के रकवा 1.40 हे0 भूमि पर लगभग 25 वर्षों से कब्जा है तथा आज भी मेरे काविज है नंदकिशोर द्वारा मेरी पट्टे की भूमि से मुझे ही बेदखल कर कब्जा कर लिया हैं। और उसपर बंजारे खेती कर रहे हैं मेरी पट्टे की जमीन को मुझे ही वापस दिलवाई जाये। और नंदकिशोर के खिलाफ कार्यवाही की जाये। मैं कईयों बार तहसीलदार को आवेदन दे चुकी हूं लेकिन मेरी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं।