भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग के बदरवास थाना थाना अंतर्गत रहने वाले एक मजदूरी दंपत्ति का एक साल का बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस दुखद मौत के बाद एंबुलेंस चालक उसे बस स्टेंड पर छोड कर भाग गया और कह गया कि तुम्हारा बेटा तो मर गया है अब इसको बस से ले जाओ,मजदूर परिवार पर बस का किराया नहीं था इसलिए मृत बच्चे की मां उसे सीने से चिपकाए घंटो रोते रही। इस घटना को स्थानीय बस स्टेंड के व्यापारियो ने देखा और कारण जाना उसके बाद इस मजदूर परिवार को व्यापारियो ने प्राइवेट एंबूलेंस से उसके गतंव्य तक पहुंचाया।
यह खबर उज्जैन जिले के महिदपुर शासकीय अस्पताल से मिल रही है कि शिवपुरी के बदरवास से मजदूरी करने आए एक धनराज और रामश्री ने बताया कि उनका एक साल का बेटा बीमार हो गया था। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां उसके बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई।
इस परिवार के यहां 6 बेटियों के बाद यह बेटा हुआ था। वह शिवपुरी के बदरवास के रहने वाले हैं। महिदपुर रोड शुगर मिल में मजदूरी करता हूं। 6 लड़कियों के बाद उनके यहां लड़का हुआ था और वह भी मर गया। इसका शव घर ले जाने में भी बदहाली, मजबूरी आड़े आ रही है,अस्पताल प्रबंधन ने उसे वापस जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराई थी लेकिन एंबुलेंस का चालक अपना रोना रो दिया। बस स्टैंड पर दोपहर 1 बजे उतारकर क्रूर शब्दों में बोला- यह तो मर गया है। तुम इसे बस से लेकर चले जाओ। मेरे पास दूसरी कॉल भी है, मैं तो जा रहा हूं।
शव लेकर माता-पिता ने मिन्नतें कीं, हाथ-पैर जोड़े लेकिन वह नहीं माना ओर इस दंपत्ति को मरे हुए बेटे के साथ बस स्टैंड पर छोड कर चला गया। लेकिन इनके पास बस की किराए को पैसे नहीं थे इस कारण अपने मृत बेटे के सीने से चिपका कर माँ लगातार रोए जा रही थी,महिला का इस प्रकार से रोना देख स्थानीय व्यापारियों ने कारण पूछा तो पूरा माजरा समझ में आया। इसके बाद व्यापारियों ने प्रायवेट एम्बुलेंस बुलाकर दंपती को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
इनका कहना है
मृत बच्चे को गोदी में लेकर महिला अस्पताल आई थी, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहां से मृत बच्चों को लेकर वह महिला स्वयं पैदल चली गई।
डॉ.महेश रामपुर,अस्पताल प्रभारी