शिवपुरी। शिवपुरी जिले के सभी राजस्व न्यायालय तहसीलदार व नायब तहसीलदार ओर अपील न्यायालय के भूमि आवंटन, नामांतरण, बटवारा, बटांकन,आदि के राजस्व प्रकरणों मे अंतिम आदेश पारित करने के बाद उसका अमल पटवारी कागजात व कम्प्यूटर के राजस्व अभिलेख खसरा खतौनी व अक्स में कराने की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जावे।
एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने कलेक्टर महोदय शिवपुरी को पत्र लिखकर बताया है कि, जिले के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार के न्यायालय व अपील न्यायालय द्वारा भूमि आवंटन, नामांतरण,बटवारा, बटकन आदि के राजस्व प्रकरणों में अन्तिम आदेश पारित करने के बाद उसका अमल पटवारी कागजात व कम्प्यूटर के राजस्व अभिलेख खसरा खतौनी व अक्स में हुआ या नहीं इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जबकि राजस्व अभिलेख व कम्प्यूटर में प्रविष्टि कराने की जिम्मेदारी राजस्व न्यायालय व उसके कर्मचारियों की है।
यह कि आदेश का पालन नहीं होने से आम जन की परेशानी समाप्त नहीं हो जाती है। आम जन को आदेश कराने के बाद उसका अमल पटवारी कागजात व कम्प्यूटर में कराने हेतु चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
यदि कोई रुचि नहीं ले तो आदेश पर अमल भी नहीं होता है। ऐसा अधिकांश मामलों में देखने में आ रहा है। यह कि आदेश का क्रियान्वयन ( अमल ) नहीं होने से राजस्व न्यायालय के आदेश का औचित्य निष्फल हो रहा है। समय गुजरने के बाद प्रकरण या तो मिलता ही नहीं है या काफी परिश्रम करने के बाद मिलता है। इसके बाद आदेश की नकल निकालो उसके बाद उसका अमल कराने हेतु पटवारी ओर कम्प्यूटर लिपिक के चक्कर लगाते रहो, यह सिलसिला लगातार चलता रहता है। राज्य सरकार की जनहित में प्रारंभ की गई आधुनिक योजनाओं का लाभ कर्मचारियों की लापरवाही ओर उदासीनता के चलते नहीं मिल पा रहा है।
एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा ने पत्र में अनुरोध किया है कि, भूमि आवंटन,नामांतरण, बटवारा ओर बटकन आदि के प्रकरणों व अपील प्रकरणों में पारित अंतरिम आदेश का क्रियान्वयन ( अमल ) पटवारी कागजात व कम्प्यूटर के राजस्व अभिलेख खसरा खतौनी और अक्स में कराने तथा उसकी प्रतिलिपि प्रकरण में संलग्न करने की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जावे,आदेश का क्रियान्वयन हो गया है, उसकी प्रति प्रकरण में संलग्न कर दी है, ऐसा प्रमाण पत्र लेने के बाद ही प्रकरण रिकार्ड में जमा किया जावे।