शिवपुरी। बर्खास्त होमगार्ड द्वारा उधार दी गई राशि के एवज में एक सरकारी कर्मचारी से अवैध वसूली करने के मामले में होमगार्ड को उन्मोचित (मामले की सुनवाई किए बिना बरी करना) करने के मामले में उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय को पुनर्विचार के आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार लगभग दो वर्ष पूर्व आईटीआई में पदस्थ प्रदीप चंद्र कालभोर ने कोतवाली पुलिस में स शिकायत दर्ज कराई थी कि 21 फरवरी 2020 को उसने होमगार्ड सैनिक रवि यादव से एक लाख रुपये उधार लिए थे। इसके एवज में रवि यादव ने उससे उसका एटीएम कार्ड व चार कोरे बैंक लिए। रवि ने एक लाख रुपये के बदले में उसके खाते से चार लाख रुपये का आहरण कर उसका शोषण किया और इसके बावजूद रवि ने उसके कोरे चेक न्यायालय में लगा दिए।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने रवि यादव के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विचारण पूर्व ही रवि को उन्मोचित कर दिया। उक्त आदेश से दुखी होकर प्रदीप चंद्र कालभोर ने अपने अधिवक्ता अंकित वर्मा के माध्यम से निगरानी याचिका सत्र न्यायालय में दायर की।
उक्त याचिका की सुनवाई उपरांत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश विधान माहेश्वरी द्वारा निगरानीकर्ता प्रदीप की याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर अधीनस्थ न्यायालय को उक्त मामले में पुनः विचारण किए जाने के आदेश दिए है। इसके अलावा रवि उर्फ रविन्द्र यादव को 26 जुलाई 2024 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। पोड़ित की ओर से पैरवी अंकित वर्मा अधिवक्ता, अरुण कुमार शर्मा एवं अंकित परिहार द्वारा की गई।