शिवपुरी। शिवपुरी तहसीलदार से फर्जी नामांतरण का आदेश दो दिन पूर्व मीडिया ने प्रकाशित किया था। मामला पिछले जून माह से शिवपुरी तहसील में अटका पड़ा था। हालांकि, अब इस मामले की जांच पूरी होने के वाद कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया हैं।
बता दें कि कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी द्वारा इस फर्जी हस्ताक्षर के मामले में तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए थे। फिर भी तहसील कार्यालय से जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया। कलेक्टर के पुनः हस्तक्षेप के बाद फर्जी हस्ताक्षर के मामले की जांच के आदेश शिवपुरी तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा दिए थे।
इसके बाद नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी और एक बाबू इस मामले की जांच को पूरा किया। जांच में नामांतरण की स्वीकृति में तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। इस मामले की शिकायत सहायक ग्रेड़ 2 अशोक कुमार भटनागर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं।
पहले समझे मामले को
बैराड़ के कालामढ में निवास करने वाले ऋषभ गुप्ता पुत्र विजय कुमार गुप्ता सबलगढ वालो ने एक दलाल के माध्यम से उषा गर्ग पतिन राकेश कुमार गुप्ता से शिवपुरी तहसील के वृत 2 में स्थित राजपुरा (गायत्री कॉलोनी) में सर्वे नंबर 202/36 का एक भूखंड 5680.75 वर्ग फुट 15 दिसंबर 2023 को खरीदा था।
इस भूखंड का का नामांतरण कराने के लिए पोहरी रोड पर घोडा चौराहे के पास रहने वाले एडवोकेट बृजमोहन धाकड़ को दिया था। बताया जा रहा है कि एडवोकेट बृजमोहन धाकड़ ने इस नामांतरण कराने के लिए तहसील कार्यालय शिवपुरी में लगाया,इस नामांतरण के प्रकरण क्रमांक 62/77 अ-6/ 2023-24 में दिनांक 5 मार्च 2024 को निरस्त किया है इस प्रकरण को निरस्ती का कारण शिवपुरी तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा ने बताया कि आवेदक ने नामांतरण के आवेदन के साथ मूल दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए है इस कारण इस प्रकरण को निरस्त किया जाता है।
लेकिन 27 मार्च 2024 को एक आदेश की प्रति सामने आई जिसमें ऋषभ गुप्ता नाम के व्यक्ति ने जमीन विक्रेता उषा गर्ग की जमीन के नामांतरण की स्वीकृति दे गई। आदेश में बाकायदा पटवारी की रिपोर्ट के साथ तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा के हस्ताक्षर थे। बाद में सामने आया कि 23 मार्च 2024 को जो नामांतरण की स्वीकृति दी गई थी। वह आदेश फर्जी तरीके से बनाया गया था। साथ ही इस आदेश पर फर्जी तरीके से तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर भी दिए गए थे।
यह कहा था ऋषभ गुप्ता ने
प्लॉट क्रेता ऋषभ गुप्ता का कहना है कि हमने फाईल एडवोकेट बृजमोहन धाकड़ को दी थी,बृजमोहन धाकड़ ने बताया कि रजिस्ट्री में नाम के अक्षरों की त्रुटि हो जाने के कारण तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा ने नामांतरण निरस्त कर दिया था,लेकिन टंकण त्रुटि सही होने के बाद नामांतरण हो गया हैं। ऋषभ गुप्ता ने बताया कि में प्रतिदिन आनलाइन इस नामांतरण को देखता हूं लेकिन अभी भी जमीन उषा गर्ग के नाम से दिखाई दे रही है। आप बता रहे है कि नामांतरण फर्जी है इस विषय में मुझे कोई जानकारी नही है।
मैंने कई नामांतरण नही कराया
इस मामले में एडवोकेट बृजमोहन धाकड़ से बातचीत की गई तो एडवोकेट ने कहा कि इस गायत्री कॉलोनी वाले प्लॉट की रजिस्ट्री मैंने कराई थी,लेकिन नामांतरण की कोई फाइल मैने नही चलाई अगर क्रेतागण कह रहे है कि नामांतरण का प्रकरण मेरे पास था तो मेरा वकालतनामा इस फाइल में अवश्य लगा होगा।