शिवपुरी। डिजिटल भारत की कवायद के तहत राजस्व विभाग ने जमीनों से संबंधित सारे रिकार्ड ऑनलाइन कर दिए हैं। एमपी भूलेख पोर्टल पर शिवपुरी शहर की पटवारी हल्कों के गांवों के पुराने नक्शों को पोर्टल पर अपलोड कर डिजिटल नक्शे के रूप में दर्ज कर दिया है। लेकिन इन डिजिटल नक्शों में काफी गलतियां हैं।
ग्वालियर बायपास चौराहे से आते वक्त पुराने बायपास रोड किनारे मातोश्री होटल डिजिटल नक्शे के अनुसार सरकारी सर्वे नंबर में दर्ज आ रहा है। जबकि पुराने खसरे में उक्त जगह निजी सर्वे नंबर है। इसी तरह शहर में अन्य सर्वे नंबर भी हैं । जहां खसरों में संशोधन की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक शिवपुरी टुकड़ा नंबर-1 में सर्वे नंबर 207 का रकबा 1 बीघा से ज्यादा है। डिजिटल सर्वे नंबर में नजूल नाला के नाम से दर्ज उक्त जमीन पर मातोश्री होटल बना है। जबकि पटवारी ने पुराना नक्शा निकाला तो उक्त जमीन सर्वे नंबर 206 में दर्ज आ रही है।
इस तरह डिजिटल और पुराने नक्शे में सर्वे नंबर में जमीन अलग-अलग दर्ज है। पुराने नक्शों को डिजिटल नक्शे के रूप में पोर्टल पर अपलोड तो कर दिया है, लेकिन खसरे नंबर गड़बड़ होने पर राजस्व अफसरों ने गौर नहीं किया है। जिन लोगों की निजी जमीन है, उन लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है।
सर्वे नंबर 207 से तीन सर्वे नंबर और लगे हैं जिन्हें जेड-6, जेड-7, जेड-12 लिखकर छोड़ दिया है। पुराने बायपास रोड पर शिवपुरी टुकड़ा नंबर-1 में ही सर्वे नंबर 52 के पीछे दो सर्वे नंबर जेड-4 व जेड 5 के नाम से दर्ज करके छोड़ दिए हैं। उक्त सर्वे नंबरों को डिजिटल सर्वे नंबर में कोई संशोधन नहीं किया जा रहा है।
पटवारी बोला-वरिष्ठ अफसरों को बताया है
होटल संचालक गोपाल गौर ने बताया कि सर्वे नंबर 206 में होटल बना है। यह सर्वे नंबर की जमीन कन्हैया पुत्र आनंद कुशवाहा की है। वहीं पटवारी दीपक धाकड़ का कहना है कि पुराने सर्वे में देखा तो सर्वे नंबर 207 नाले का है। होटल सर्वे नंबर 206 में बना है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया है।