शिवपुरी। शिवपुरी जिले के वन विभाग के रेंज क्षेत्र शिवपुरी की सीमा में बीते रोज वन विभाग के अमले ने 40 बीघा वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराने में सफलता प्राप्त की है। इस वन भूमि को मुक्त कराने के बाद वन विभाग ने इसको कवर करने की कवायद शुरू कर दी है,वही इस अतिक्रमण को मुक्त कराने के विवाद में आदिवासियों से संघर्ष में एक आदिवासी महिला ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया,जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराना पडा।
इस मामले में शिवपुरी रेजंर गोपाल जाटव का कहना है कि 40 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है अतिक्रमको ने वन भूमि पर बागड कर खेती करने का प्रयास कर रहे थे। यहां हल्का सा विवाद हुआ उसके बाद वन विभाग की टीम वापस लौट आई,यह सब गुर्जरो का षड्यंत्र और यह आदिवासी समाज को आगे कर देते है,जहर खाने जैसी घटना हमारे सामने नहीं हुई है।
जानकारी के अनुसार शिवपुरी रेंज क्षेत्र की सुरवाया के गढ़ी बरौद वीट में चुर गांव के पास जंगल में गुर्जरों के द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती करने का प्रयास किया जा रहा था। मानसून काल में वन विभाग अपनी जमीन का अतिक्रमण होने से बचाने का विशेष प्रयास रहता है इसलिए इस वनभूमि को मुक्त कराने के लिए शुक्रवार के दिन करैरा,शिवपुरी का वन अमला पहुंचा था। जहां वनभूमि को मुक्त कराया गया।
अतिक्रमण को मुक्त कराने पर आदिवासियों ने विरोध किया और एक आदिवासी महिला ने जहर खा लिया,जिसे उसे अस्पताल में भर्ती कराया,धनती आदिवासी उम्र 60 साल पत्नी गणेशा आदिवासी ने बताया कि इस जमीन पर पिछले 35 सालो से खेती कर रही है,फॉरेस्ट ने इस जमीन को मुक्त कराने का प्रयास किया तो धनती एक बोतल में सफेद सा कुछ पदार्थ लेकर आई और उसे गटक लिया जिससे वन विभाग का अमला घबरा गया और उल्टे पैर वापस लौट आया।
धनती आदिवासी के देवर हल्कू आदिवासी पुत्र फगुआ आदिवासी उम्र 40 साल ने बताया इस घटना के बाद हमने डायल 100 को कॉल किया इसी डायल 100 से भाभी को जिला अस्पताल लेकर आए जहां से भाभी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
हल्कू आदिवासी ने बताया कि फॉरेस्ट वालों के साथ वह सभी गुर्जर भी मौजूद थे और उन्होंने जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। और जैसे ही मेरी भाभी ने जहर खाया तो रेंजर और गुर्जर सभी वहां से फरार हो गये। मेरी भाभी ने जहर खाया तो इन लोगों की वजह से, यह सभी इसके जिम्मेदार हैं।