शिवपुरी। आतंकवादियों से लड़ने की कमांडो ट्रेनिंग लेने वाले सीआईएटी के जवानों को कई बार सांस लेने में घबराहट होती है तथा उनकी तबीयत बिगड़ जाती है। यही स्थिति जेल में बंदियों की है तथा जेल स्टाफ भी ऐसी ही परेशानी से भुगत रहा है। यह बात बुधवार को एनजीटी द्वारा तय की गई कमेटी के सदस्यों के निरीक्षण के दौरान सीआरपीएफ के कमांडेंट व जेलर ने कही। महत्वपूर्ण बात यह है कि निरीक्षण करने आई कमेटी के सदस्य ट्रेचिंग ग्राउंड में कचरा अधिक बिखरा होने के कारण अंदर तक नहीं पहुंच सके।
शिवपुरी के युवा अभिभाषक आदित्य श्रीवास्तव ने ट्रेंचिंग ग्राउंड की वजह से सीआईएटी के जवानों एवं शिवपुरी जेल के बंदियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर एनजीटी में केस लगाया है। जिसके परिपालन में एनजीटी द्वारा बनाई गई कमेटी, जिसमें शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव, नपा सीएमओ केएस सगर, जेलर दिलीप सिंह व सीआरपीएफ कमांडेंट धर्मदास चौरसिया ने बुधवार को ट्रेचिंग ग्राउंड पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया।
इस दौरान शिकायतकर्ता एडवोकेट आदित्य श्रीवास्तव व अभय जैन मौजूद रहे। कमेटी को बताया गया कि शिवपुरी के बड़ौदी पर कचरा डंपिंग के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने वर्ष 2004 में परमीशन दी थी, जबकि वर्ष 1993 से यहां सीआरपीएफ की बटालियन बनी हुई है तथा 2019 में यहां सीआईएटी स्कूल (काउंटर इंसरजेंसी एंड एंटी टेररिस्ट स्कूल) बनाया गया। जबकि वर्ष 2005 में शिवपुरी की नवीन जेल के लिए जमीन आवंटित होने के बाद वर्ष 2017 में काम शुरू हुआ तथा 2019 में नई जेल शुरू हो गई थी।
कमेटी ने बनाया पंचनामा
कमेटी के निरीक्षण के बाद एक पंचनामा बनाया, जिसमें उल्लेख किया गया कि ट्रेचिंग ग्राउंड पर अभी 80 हजार मीट्रिक टन कचरा है, तथा हर दिन 70 मीट्रिक टन कचरा फेंका जाता है। यहां पर किसी तरह का कोई कचरा प्रबंधन नहीं किया जा रहा है। सीआरपीएफ कमांडेंट ने बताया कि गर्मियों में जब यहां से धुआं उठता है तो ट्रेनिंग वाले जवानों को सांस लेने में तकलीफ होती है।
वर्ष 2022 में डेंगू के 4 व मलेरिया के 10 केस सीआईएटी के जवानों में पाए गए थे। जेलर ने भी बताया कि जेल की दीवार से ही ट्रेंचिंग ग्राउंड लगा होने से बंदियों की हालत भी बेहद खराब रहती है। जिला न्यायालय की मॉनिटरिंग सेल से भी जेल अधीक्षक ने शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
पंचनामा बना लिया, साक्ष्य पेश करेंगे
आज हमने कमेटी के साथ निरीक्षण किया है। पंचनामा भी बनाया है तथा उससे होने वाली परेशानियों को भी शामिल किया है। केस एनजीटी में लगा है, तो उसमें साक्ष्य सहित दस्तावेज हम पेश करेंगे।
डीवीएस जाटव, रीजनल अधिकारी, पॉल्यूशन बोर्ड