शिवपुरी। प्रदेश में मप्र बोर्ड के परीक्षा परिणामों में शिवपुरी जिले की 50वीं रैंक आई थी,यह शर्म का विषय था कि शिवपुरी जिले के सरकारी स्कूलो का पढाई का स्तर मध्यप्रदेश में नीचे से दूसरे नंबर पर आया है। जिले के सरकारी स्कूलों में बिगडी शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जिला कलेक्टर ने अप्रत्यक्ष रूप से कमान अपने हाथ में ले ली है और इस वर्ष बेहतर से बेहतर परिणाम लाने के लिए कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी ने 2 जुलाई से अपने नए प्लान का जिले में लागू कर दिया।
अब जिले के सभी विभाग प्रमुख और डिप्टी कलेक्टर स्कूलों की मॉनिटरिंग करेंगे। जिसमें अधिकारी न केवल सप्ताह में एक दिन निर्धारित स्कूल में पहुंचेंगे वरन वहां बेहतर स्कूल संचालन के लिए विद्यार्थियों और शिक्षक से संवाद भी करेंगे। जरूरत पड़ी तो उस दिन के लिए अधिकारी साप्ताहिक शिक्षक बनकर विद्यार्थियों की समस्याओं का हल निकालेंगे।
दरअसल साल 2024 में कक्षा 10-12 में जो बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम जारी हुआ है उसमें शिवपुरी जिला पूरे प्रदेश में फिसड्डी रहा। यहां का परीक्षा परिणाम कक्षा 10 का 43.5 फीसदी रहा जिसे कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बेहद शर्मनाक बताया और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर आठों विकासखंड के लिए अलग-अलग मॉनिटरिंग की। जिसमें यह नतीजा सामने निकलकर आया कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम बिगड़ा है वहां की न तो नियमित कक्षाएं लगीं। विद्यार्थी नियमित कक्षाओं में नहीं आए जिसे शिक्षकों ने अपने अनुकूल माना कि चलो पढ़ाना ही नहीं पढ़ेगा।
ऐसे में जिले के लिए शर्मनाक बात यह रही कि दो स्कूल खनियाधाना का चिल्ला खुर्द और बदरवास का मुढैरी स्कूल ऐसे रहे जहां एक भी विद्यार्थी पास नहीं हुआ और तो और स्कूलों का परिणाम भी जीरो रहा। इसके साथ ही कक्षा 10 के 77 स्कूल ऐसे रहे जिनका परिणाम 0-30 फीसदी रहा। अब कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने सीधी जिले में पदस्थी के दौरान शिक्षा विभाग की पद्धति के क्रम को लागू करने का मन बनाया। जिसमें स्कूल में अब साप्ताहिक हर विभाग प्रमुख और एसडीएम डिप्टी कलेक्टर इन स्कूलों में पहुंचकर वहां की ठप पढ़ाई व्यवस्था को संवारेंगे।
जानिए यह तीन अहम बिंदु
इस दिशा में पहला प्रयास कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने यह किया कि सभी विकास खंडों में पहुंचकर बोर्ड परीक्षा परिणाम की खुद मॉनिटरिंग की। जिसमें यह सामने आया कि शिक्षक खुद पढ़ाने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। इसीलिए 0-30 फीसदी परिणाम आया।
शिक्षकों की कमजोरी दूर करने के लिए उनको विज्ञान, अंग्रेजी और गणित विषय की दक्षता दिलाई इसके लिए इंडक्शन कोर्स कराया। क्योंकि अधिकांश विद्यार्थी इन्हीं विषयों में फेल थे। इसलिए इंडक्शन जरूरी था।
इंडक्शन के बाद शिक्षकों, बच्चों और स्कूल मॉनिटरिंग के लिए अब जिला अधिकारियों को, डिप्टी कलेक्टर को मॉनिटरिंग करनी होगी। वह सप्ताह में एक दिन स्कूल जाकर वहां पढाएंगे भी गांव वालों से भी बात कर विद्यार्थी और शिक्षक के बीच सेतु बनकर पड़ताल करेंगे। इससे शिक्षकों की लापरवाही नहीं रहेगी और विद्यार्थी भी अधिकारियों से सीख कर आगे बढ़ने का लक्ष्य हासिल करेंगे।
जीरो फीसदी परिणाम वाले दो स्कूल मुढेरी और सिल्लारखुर्द हैं
1. कक्षा 10-217 स्कूल इनमें 77 में परिणाम 0 से 30 फीसदी हैं। जिसमें जीरो फीसदी परिणाम वाले दो स्कूल मुढेरी और सिल्लारखुर्द हैं। 4-10 फीसदी परिणाम वाले 4 स्कूल हैं। 11-19 फीसदी परिणाम वाले 21 स्कूल, 20-25 फीसदी परिणाम देने वाले 24 स्कूल और 26-30 फीसदी वाले 26 स्कूल हैं। 70 से अधिक स्कूलों में 0-30 फीसदी परिणाम रहे हैं।
2. कक्षा 12 में 70 स्कूल जिले में है। जिनमें से 16 स्कूल ऐसे हैं जिनमें 31-50 फीसदी परिणाम हैं और 0-30 फीसदी परिणाम में 6 स्कूल शामिल हैं।
इन स्कूलों में प्रशासनिक अधिकारी बनेंगे मास्टर
कलेक्टर ने जिन अधिकारियों को स्कूलों को जिम्मेदारी सौंपी है उनमें संयुक्त कलेक्टर मोहम्मद युसुफ कुरैशी हाईस्कूल परिच्छा किरार, डिप्टी कलेक्टर शिवदयाल धाकड़ को हाईस्कूल बिलबरा माता, उमेश कौरव को हाईस्कूल खरवाया एवं उमावि छर्च, जिला योजना अधिकारी मुकेश चौरसिया को हाई स्कूल खरई जालिम व खटका, सहायक संचालक मत्स्य पीसी कौल को पिछोर का हाईस्कूल चिन्नौदी, खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा को हाईस्कूल पड़ोरा की जिम्मेदारी सौंपी है।
इसी प्रकार ईई लोअर उर परियोजना एएन शर्मा को हाई स्कूल गरेंठा, उप संचालक बेटनरी एमसी तमोरी को हाईस्कूल कलोथरा, ईई पीआईयू एनएस धाकड़ को हाईस्कूल रही व वीरपुर, जिला कोषालय अधिकारी छवि जैन बिरमानी को हाई स्कूल कुंवरपुर, जिला पेंशन अधिकारी एलएस अलपुरिया को हाईस्कूल बूढी बरौद, ईई पीएचई एलपी सिंह को हाई स्कूल दशहरा गणेश, ईई पीडब्ल्यूडी धर्मेन्द्र सिंह यादव को हाई स्कूल अगर्रा व उमावि गाजीगढ़, जिला आपूर्ति अधिकारी गौरव कदम को हाईस्कूल ग्वालिया जाकर अपने हाथ में चौक और डस्टर पकडना है।
ईई हाउसिंग बोर्ड पवन मरकाम को हाई स्कूल नावली, ईई मड़ीखेड़ा मनोहर बोराटे को हाईस्कूल बडेरा, एसडीओ ईएंडएल केके श्रीवास्तव को हाई स्कूल गणेश खेड़ा, ईई जल संसाधन बीके शर्मा को हाई स्कूल दबिया गोविंद, महाप्रबंधक ग्रामीण सड़क योजना आरपीएस चौहान को हाईस्कूल एरावनी, एसआरएलएम डीपीआईपी अरविंद भार्गव को हाईस्कूल नरैया खेड़ी, एसडीएम अनूप श्रीवास्तव को हाईस्कूल ठर्रा, एसडीएम बृजेंद्र यादव को हाई स्कूल अटलपुर व उमावि खतौरा की कमान सौंपी है।
एसडीएम मोतीलाल अहिरवार को हाईस्कूल बलुआ व कन्या उमावि पोहरी, एसडीएम अजय शर्मा को उमावि डामरौन कलां व करही, एसडीएम जेपी गुप्ता को उत्कृष्ट खनियाधाना व उमावि मल्हावनी, सीईओ बृहमेंद्र गुप्ता को तोड़ा पिछोर, सीडीपीओ नीरज गुर्जर उमावि बैराड़, नायब तहसीलदार अशोक श्रीवास्तव को उमावि सीहोर, नायब तहसीलदार दृगपाल सिंह को उमावि विजयानंद बैराड़ व हाईस्कूल भिलाड़ी, तहसीलदार भूषण शर्मा को हाईस्कूल कोटा, तहसीलदार प्रदीप भार्गव को उमावि कन्या बदरवास व हाई स्कूल श्यामपुरा, तहसीलदार अमित दुबे को कन्या उमावि नरवर व हाईस्कूल दिहायला, तहसीलदार अजय परसेडिया को उमावि भटनावर, सहायक सांख्यिकी अधिकारी वत्सराज सिंह राठौड़ को उत्कृष्ट पोहरी व उमावि झिरी, एडीपीसी राजा बाबू आर्य को हाईस्कूल गता झलकोई सहित आठों विकासखंड के बीईओ व अन्य अधिकारियों को भी स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।