शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद के सीईओ के शैलेन्द्र आदिवासी की शिकायत मप्र के पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल को की गई है। बताया जा रहा है कि उक्त शिकायत शिवपुरी जिले के भाजपा के संगठन के पदाधिकारी ने है। जैसा कि विदित है कि पोहरी के सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी की नौकरी भी विवादित है शैलेन्द्र आदिवासी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की है।
बताया जा रहा है इस फर्जी नौकरी काण्ड में विकास आयुक्त कार्यालय से जांच के आदेश भी हुए थे,लेकिन फिलहाल मामले का जांच के नाम पर लटका दिया है। पोहरी जनपद के कार्यालय के भ्र/टाचार को लेकर शिवपुरी जिले के भाजपा के महामंत्री पृथ्वीराज जादौन ने एक शिकायत मप्र के पंचायत राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल को की है।
इस शिकायत में महामंत्री जादौन ने बताया कि पोहरी जनपद में भारी भ्र/टाचार किया जा रहा है। जनपद के सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी के कार्यालय में चल रहे भ्र/टाचार की पूरी की पूरी एक लिस्ट भेजी गई है।
इस लिस्ट में उल्लेख किया है कि जनपद पंचायत के भ्रष्टाचार के पीछे न जाने किस वरिष्ठ अधिकारी या नेता का हाथ है, पर हिसाब इस प्रकार है: 5 प्रतिशत फाइल बनने पर, 10 प्रतिशत फर्जी मजदूरी मस्टर भुगतान, 5 प्रतिशत घर-घर उगाहने वाली कियोस्क, 5 प्रतिशत रोजगार सहायक, 10 प्रतिशत सचिव, 7 प्रतिशत मूल्यांकन, 13 प्रतिशत व्हाउचर भुगतान, 5 प्रतिशत जिस फर्म के बिल लगे हैं, 2 प्रतिशत सीसी जारी पर, 1 प्रतिशत सीसी आवक, 1 प्रतिशत जावक, 1 प्रतिशत पोर्टल पर दर्ज। अब 40 प्रतिशत कम राशि में काम धरातल पर कैसे हो रहा होगा।
वही दूसरा मामला जनपद पंचायत गुरीच्छा का मिल रहा है जहां पीएम जन धन आवास के तहत 121 हितग्राहियों का चयन किया गया है,लेकिन आज दिनांक तक इन हितग्राहियों की प्रथम किस्त भी रिश्वत ना मिलने के कारण जारी नहीं की गई। इस मामले में रोजगार सहायक महेन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि जनपद कार्यालय के अधिकारी प्रत्येक हितग्राही से 12 हजार रुपए कमीशन की डिमांड कर रहे है इस कारण ही यह किस्त जारी नहीं हुई। मैने आदिवासियो से पैसा लेने की मना कर दी इस कारण मेरी लॉगिंग आईडी भी लॉक कर दी। अबक किसी दूसरे सचिव का चार्ज दिया गया है।
वहीं इस मामले मेंं शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने सांसद भारत सिंह यादव से बात की उन्होंने कहा कि इस मामले मे कलेक्टर शिवपुरी से बात करता हूं और जो भी उचित होगा वह करेंगे,अभी तक किस्त जारी क्यो नही की कारण जानते है और दोषी पर कार्यवाही कराते है।
वही एक दर्जन बार कॉल करने पर सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी से बात की तो वह सरपंच और सेक्रेटरी में विवाद चल रहा है,कल इस मामले की शिकायत आई जांच करवा रहे है। यह बयान सीईओ का पचने योग्य नही है क्योकि विवाद सरपंच और सेक्रेटरी के बीच चल रहा है लेकिन ग्राम पंचायत गुरिच्छा के पात्र हितग्राहियों की सूची बन चुकी है,बस उनके खाते में पेमेंट करना है अगर विवाद चल रहा तो इसमे जनता का क्या दो/ा है जनता के कार्य तो समय पर होने चाहिए।
यह है सीईओ आदिवासी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आरोप
एक साल पूर्व जब पोहरी सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी जब श्योपुर जिले के विजयपुर के जनपद पदस्थ थे जब सीईओ शैलेंद्र आदिवासी की एक शिकायत कर्ता ने शिकायत की थी कि सीईओ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इसके बाद भोपाल विकास आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए। जिनके पालन में सबलगढ़ के तत्कालीन नायब तहसीलदार शिवम उपाध्याय ने सीईओ के मामले की जांच शुरू कर दी।
शिकायतकर्ता ने शिकायती आवेदन के साथ सीईओ का जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज भी संलग्न किए। इसे गंभीरता से लेते हुए भोपाल विकास आयुक्त ने मुरैना जिले के अधिकारियों को सीईओ के जाति प्रमाण पत्र की जांच कराने के निर्देश दिए थे।
भोपाल विकास आयुक्त कार्यालय से जारी हुए आदेश के बाद सबलगढ़ एसडीएम ने नायब तहसीलदार को मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया था। सीईओ शैलेंद्र सिंह धाकड़ ने अपनी परिवार आईडी में खुद को मृत बताकर किसी आदिवासी समाज के व्यक्ति का गोदनामा लिखवाकर एसटी वर्ग का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और उसके आधार पर नौकरी हासिल कर ली।