शिवपुरी। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत जिले के जनपद शिक्षा केन्द्रों व जन शिक्षा केन्द्रों पर लंबे समय से रिक्त सीएसी के 59 सीएसी और बीएसी के 22 पदों पर आज डीपीसी कार्यालय में सुबह 10 से काउंसलिंग हो चुकी थी,लेकिन विसंगतियों के कारण इस काउंसलिंग को स्थगित करना पडा।
बताया जा रहा है कि डीपीसी कार्यालय ने अपने स्तर ने नियम लागू कर दिए थे जिसके कारण सैकड़ों शिक्षक इस काउंसलिंग प्रक्रिया से अपात्र हो गए,जबकि ऐसे नियमों के राज्य शिक्षा केन्द्र से जारी कोई पत्र सामने नही आए,यह मामला शिवपुरी समाचार ने काउंसलिंग कमेटी के सामने उठाया,इसके बाद इस प्रक्रिया को ही निरस्त करते हुए आगे अब नए सिरे से की जाऐगी। इस पूरी काउंसलिंग की प्रक्रिया में शिक्षक संगठन और उनके नेता गायब रहे,इस कारण शिक्षकों ने नाराजगी भी जाहिर की और अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रखी।
जैसा कि विदित है कि शिवपुरी जिले में लगभग दो दर्जन से अधिक शिक्षक और कर्मचारी संगठन कथित तौर पर सक्रिय है जो किसी ना किसी मामले को लेकर अधिकारियों के साथ सेल्फी वाली फोटो प्रेस नोट के माध्यम से समाचार पत्रों के कार्यालय पर आती रहती है लेकिन आज जब इस काउसंलिंग में कई शिक्षकों का हक नियमों को शिथिल कर और नए नियम थोप कर मारा जा रहा था जब जिले के सभी संगठनों नेता अपने अपने दड़बों में दुबके बैठे थे,इक्का दुक्का नेता काउंसलिंग स्थल पर नजर आ रहे थे लेकिन वह अधिकारियों के सामने जाने से कतरा रहे थे,बताया जा रहा है कि यह नेता अपनी अपनी जुगाड़ लगाने में लगे थे। इस कारण इस काउंसलिंग के नियमों से पीड़ित शिक्षकों ने मीडिया को फोन लगाना शुरू कर दिए थे।
सामने आई यह विसगतियाँ
बताया जा रहा है कि इस काउंसलिंग प्रक्रिया से उन शिक्षकों को अपात्र कर दिया था जिन्होने उच्च के प्रभार के लिए सहमति दी है पर उनके आदेश नही हुआ,जिले में लगभग ऐसे सैकड़ों शिक्षक है।
इसी तरह इसी साल मई में कई सीएसी बीएसी का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है लेकिन उन्हें भी काउंसलिंग में शामिल नही किया गया,ऐसे आधा सैकड़ा शिक्ष्द्वाक काउसिलंग के लिए पहुंचे थे,इनका कहना था कि उन्होंने अपनी पात्रता को लेकर दासतावेज भी मीडिया के सामने रखे थे। इन शिक्षकों का कहना था कि हमारी कार्य अवधि मई पूर्ण हो चुकी है और विभाग पद मुक्त नही किया है इसमें हमारी क्या गलती है।
वही एक और मामला प्राथमिक से उच्च प्रभार में माध्यमिक शिक्षक बन चुके अभ्यर्थियों का था जिनका कहना था कि उन्हें विकास खंडो में सीएसी बीएसी का प्रभार सौंपा गया है लेकिन इस काउंसलिंग की वरिष्ठता सूची में उनके नाम नही है। इसी तरह की अन्य कई विसंगतिया भी सामने आई थी,इन सभी मामलों को काउंसलिंग कमेटी के सामने शिवपुरी समाचार ने उठाया था इसके ढाई घंटे बाद ही इस काउंसलिंग का निरस्त कर दिया गया। आगे अब नियतो पर पुनर्विचार करते हुए राज्य शिक्षा भोपाल से मार्गदर्शन लेते हुए आगे की जाऐगी।
कलेक्टर ने गठित की थी यह टीम
इसके लिए कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने एक टीम का गठन किया था,जिसमें कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में अपर कलेक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला, जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़, डाइट प्राचार्य एमयू शरीफ, डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार व एपीसी अकादमिक मुकेश पाठक को शामिल किया गया है। इसके अलावा स्थापना के ओआईसी एवं एपीसी अतर सिंह राजौरिया, एपीसी उमेश करारे, संतोष गर्ग आदि को सत्यापन परीक्षण व कार्यालयीन समिति में रखा गया है।
किस ब्लॉक में कितने पद रिक्त
स्थापना शाखा के ओआईसी अतर सिंह राजौरिया ने बताया कि शिवपुरी जिले के आठों विकासखण्डों में सीएसी के 140 व बीएसी के 40 पद हैं। जिनमें से फिलहाल सीएसी के 59 व बीएसी के 22 पद रिक्त हैं। यदि विकासखण्डवार बीएसी व सीएसी के रिक्त पदों की बात करें तो शिवपुरी में बीएसी का 1 व सीएसी के 4 पद रिक्त हैं। जबकि कोलारस में 4 व 7, बदरवास में 3 व 8, करैरा में 4 व 3, नरवर में 2 व 11, पोहरी में 2 व 11, पिछोर में 3 व 5, खनियाधाना में 3 बीएसी व 10 सीएसी के पद रिक्त हैं। बता दें कि यह सभी पद अलग-अलग विषयवार रिक्त हैं।
इनका कहना है
कुछ तकनीकी बिंदुओ के कारण इस काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। अब नियमों पर पुनर्विचार करते हुए,राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से मार्गदर्शन लेकर आगे काउंसलिंग की जाऐगी। दफेदार सिंह सिकरवार, डीपीसी, शिवपुरी