SHIVPURI NEWS - 80 मिलियन का घोटाला, बैंक में खातेधारको का 291 करोड जमा है, विधायक ने पूछा प्रश्न

Bhopal Samachar

शिवुपरी। मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन पटल पर सबसे पहला प्रश्न जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी की कोलारस शाखा से 80.56 करोड़ के गबन का रखा गया। शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन द्वारा उठाए प्रश्न का मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने जवाब प्रस्तुत किया है।

गबन की राशि में से महज 2.22 करोड़ रुपए ही वसूले जा सके हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार की संपत्ति कुर्क करके राशि नहीं वसूली जा सकी है। पुलिस भी विवेचना से नहीं उबर पा रही है, जिससे चालान तक पेश नहीं हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि बैंक गबन मामले में अहम जिम्मेदार कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) प्रभारी प्रभात भार्गव है।

दूसरे बाबू व कर्मचारियों की संपत्तियां चिन्हित हो चुकी हैं। नीलामी तो दूर प्रभात भार्गव की एक भी संपत्ति चिन्हित नहीं की है। विस प्रश्न के जवाब में प्रभात भार्गव से जुड़े मामले का खुलासा हुआ है। जिससे बैंक वसूली कार्रवाई में सवाल खड़े हो गए हैं।

प्रश्न के जवाब में मंत्री सारंग ने कहा कि हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में दिए आदेश के पालन में मप्र राज्य सहकारी अधिकरण भोपाल में विचाराधीन अपील प्रकरण में अंतिम निर्णय होने तक दोषियों की चिह्नित संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई स्थगित है। मप्र राज्य सहकारी अधिकरण में प्रकरण की अगली तारीख 10 जुलाई लगी है। 99837 खाता धारकों के 291.66 करोड़ रु. जमा हैं। घोटाले के बाद अब तक कुल 13468 खाता धारकों को 32.69 करोड़ का भुगतान हुआ है। शासन से खाता धारकों को भुगतान के लिए कोई आवंटन नहीं दिया जाता है।

करैरा : 3.82 करोड़ का गबन, एक भी पैसा नहीं वसूला

कोलारस के अलावा बैंक घोटाले में करैरा शाखा के शाखा प्रबंधक रविंद्र भार्गव, बैंकिंग सहायक सीताराम ठाकुर, भृत्य गुरुदेव कुशवाह, अरुण भार्गव, समिति प्रबंधक शिवकुमार शर्मा और बैराड़ शाखा के शाखा प्रबंधक प्रेम नारायण शर्मा, बैंकिंग सहायक विश्वेशर सिंह तोमर व एक अन्य में दोषी पाए गए हैं। करैरा शाखा में 3.82 करोड़ के गबन को लेकर अपराध पंजीबद्ध कराया है। एसडीओपी मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक मामला विवेचना तक ही अटका है। यहां किसी तरह की वसूली नहीं हुई है। हालांकि बैराड़ शाखा में 5 लाख का गबन हुआ था जिसका पूरा वसूल लिया है।

कोलारस : गबन मामले में इन लोगों पर अपराध पंजीबद्ध है

80.56 करोड के गबन मामले में भृत्य एवं प्रभारी कैशियर राकेश पाराशर, तत्कालीन शाखा प्रबंधक स्व. श्रीकृष्ण शर्मा, राकेश कुलश्रेष्ठ, सौरभ मेहर, ज्ञानेंद्र दत्त शुक्ला, रमेश राजपूत, कंप्यूटर ऑपरेटर रेनू शर्मा, सीबीएस प्रभारी एवं प्रबंध लेखा प्रभात भार्गव, प्रभारी प्रबंध लेखा रामप्रकाश त्यागी, सहायक लेखापाल हरिवंश शरण श्रीवास्तव, तत्कालीन सीईओ एएस कुशवाह, मिलिंद सहस्त्रबुद्धे, डीके सागर, वायके सिंह, लता कृष्णन पर अपराध पंजीबद्ध है। 2.22 करोड़ वसूले हैं और 78.34 करोड़ बकाया है। 

गबन मामले में अभी तक की स्थिति

  • ब्याज माफी के 25.49 करोड़ मिले।
  • जमाकर्ताओं को 32.69 करोड़ का भुगतान हुआ।
  • बचत खाते 92028 का 192.06 करोड़ जमा है।
  • चालू खाते 770 का 7.42 करोड़ जमा है।
  • सावधि जमा खाते 7039 हैं जिनका 92.18 करोड़ जमा है।
  • बैंक संचालन के लिए 150 करोड़ की जरूरत है।