शिवपुरी। शिवपुरी के लिए सफेद हाथी बन चुका सीवर प्रोजेक्ट फिर शिवपुरी की सडको के लिए काल बनेगा। इस प्रोजेक्ट के धरातल पर आने के 13 साल बाद सीवर प्रोजेक्ट की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में घरो के सीवर चेंबरो को जोड़ने के लिए एजेंसी नगर पालिका के रूप में चयनित हुई है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए 60 करोड़ का बजट आया है।
अब शिवपुरी के घरो के कनेक्टर मुख्य सीवर लाइन में होंगे तो शिवपुरी में शहर की मुख्य सड़क से लेकर गली मोहल्ले की सड़क खोदी जाएगी,इसमे से कुछ सडके ऐसी जो अभी बनकर तैयार हुई है।
अब सडके बन गई तो फिर खोदी जाऐगी। ओर फिर इन सड़कों की खूबसूरती को ग्रहण लगने वाला है,वही अभी पीआईसी में स्वीकृत शहर की 52 सीसी सड़कों का काम भी रुक सकता है अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सड़कों को सीवर के कनेक्शनो का काम पूरा होने के बाद ही डाला जाऐगा।
13 साल बाद तय हुई कनेक्शन की एजेंसी
झील संरक्षण परियोजना के तहत शिवपुरी में स्वीकृत हुए सीवर प्रोजेक्ट का काम भले ही वर्ष 2011 में शुरू हुआ, लेकिन 13 साल के बाद भी यह तय नहीं किया गया था कि आमजन को इसका लाभ कैसे मिलेगा। क्योंकि सीवर प्रोजेक्ट के टेंडर में यह शामिल ही नहीं किया गया था कि घरों में कनेक्शन कौन करेगा। पिछले महीने में पीएचई के प्रमुख सचिव पी नरहरि ने दौरा करने के बाद प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। जिसके बाद अब इसकी प्रक्रिया फिर तेज हो गई, तथा घरों में कनेक्शन के लिए नगरपालिका को एजेंसी बनाया गया।
नपा का कंसलटेंट तैयार करेगा डीपीआर
शिवपुरी शहर में डाली सीवर प्रोजेक्ट की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की ड्राइंग डिजाइन पीएचई ने नगरपालिका को उपलब्ध करा दी है। नपा ने भी इसके लिए कंसलटेंट नियुक्त कर दिया है, जो शहर की मिली सीवर प्रोजेक्ट की ड्राइंग डिजाइन के आधार पर डीपीआर तैयार कर रहा है। डीपीआर बनने के बाद फिर उस पर काम शुरू किया जाएगा। चूंकि सीवर के चेंबर शहर में घरों के सामने या उसके आसपास ही सड़क किनारे हैं। उन चेंबरों को सीवर प्रोजेक्ट की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से जोड़ने के लिए सड़क को 2 से 3 फीट गहराई में खोदा जाएगा।
लोकायुक्त में फंसा है 3 करोड़ का घोटाला
ज्ञात रहे कि सीवर प्रोजेक्ट के तहत जब शहर की सड़कों को खोदा गया था, तो उसमें ठेकेदार को सीवर लाइन डालने के बाद सड़क को मोटरेबल करके देना था, तथा जो सड़क जिस प्रकार की थी, उसे वैसा ही बनाकर देना था। शहर में सिर्फ खुदाई करके मिट्टी पत्थर से भरकर उसे यूं ही छोड़ दिया गया तथा पीएचई के पूर्व ईई एसएल बाथम ने ठेकेदार को रोड रेस्टोरेशन की राशि 3 करोड़ रुपए भुगतान कर दी थी।
शहरवासियों ने कॉलोनी की सड़कों के फोटो सहित जब शिकायत लोकायुक्त में की तो पूर्व ईई को आरोपी बनाते हुए लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर लिया। वहीं नपा में भई रोड रेस्टोरेशन के नाम पर करीब तीन करोड़ का घोटाला हो चुका है।
बताया जा रहा है इस बार इस डीपीआर में इस बात पर विशेष फोकस किया है कि जो सड़क खुदेगें उसकी तत्काल रिपेयरिंग इस काम को करने वाली ऐजेंसी करगी,मतलब जैसी सडक पहले थी,वैसी ही सडक वह तत्काल बनाकर देगी। जिससे नागरिको को असुविधा ना हो।