शिवपुरी। मानसून ने दस्तक दे दी है, बारिश में सांप के बिलों में पानी भर जाता है तो वे बाहर आकर सुरक्षित स्थान खोजते हैं। ऐसे में कई बार वे हमारे घरों,अन्य जगह में घुसकर पनाह पाते हैं। ऐसे हालात में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
इसी के चलते श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में मेडिसिन विभाग द्वारा अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस, अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि के मार्गदर्शन में डॉक्टर प्रीति निगोटिया के नेतृत्व में आयोजित प्रशिक्षु डॉक्टरों दर्शिता पाटीदार, इरफान पटेल, हर्ष गुप्ता, हितक छापरिया, खुशबू त्रिवेदिया, जया जाटव, हेमा लहारिया द्वारा मेडिकल कॉलेज में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया गया।
और बताया कि हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) खेत में फावड़े से गुड़ाई कर रहे होते है वे अपने काम में मगन रहते है कि अचानक उन्हें लगा उनके पैर में कुछ काट गया, देखा तो उधर से एक काला सांप जा रहा था। हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) खेत से डर के मारे चिल्लाने लगे कि उधर से गुजर रहे गाँव के दो लोग भागते हुए खेत में पहुंच गए।
उन्हें खेत से गाँव लाया गया, उनकी पत्नी भी रोने लगीं, अब सबसे बड़ा सवाल था कि हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) को कहां लेकर जाया जाए, सबसे ने फैसला कि पास के गाँव के बाबा के पास लेकर चलते हैं, जो झाड़ फूंक से सांप काटे का इलाज करते हैं। फिर क्या सब हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) को लेकर बाबा इरफान पटेल(प्रशिक्षु डॉक्टर) के पास पहुंच गए, लेकिन थोड़ा झाड़ फूक करने के बाद बाबा को समझ में आ गया कि किसी जहरीले सांप ने काटा है, बाबा ने कहा- "सांप के साथ पुरानी दुश्मनी है, अब तो कुछ नहीं होगा अब तो हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) नहीं बचेगा।
परेशान गाँव वाले हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) को लेकर गाँव वापस आ गए, तब तक हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) की कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी भी वहां पहुंच गई अपने पिता की हालत देखकर बोली- "इन्हें जल्दी डॉक्टर के पास ले चलिए, वहीं पर इनका इलाज हो पाएगा।" बेटी के इतना कहते है गाँव के दूसरे लोग नाराज होकर बोले इतना पढ़ ली हो कि हम बड़े-बुजुर्गों की बात काटोगी" लेकिन आखिरकार कुछ लोगों के कहने पर हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) को चिकित्सालय लेकर गए, जहां पर एंटी वेनम दिया गया, जिससे समय रहते हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर) की जान बचा ली गई। ये थे हर्ष गुप्ता (प्रशिक्षु डॉक्टर), जिनकी कहानी नुक्कड़ नाटक के जरिए बतायी गई।
ये तो कहानी थी, लेकिन ऐसा ही किसी के साथ भी हो सकता है। ताकि सांप के काटने से होने वाली मौत को रोकने में मदद मिल सके। इस दौरान विभागाध्यक्ष कम्यूनिटी मेडिसिन डॉक्टर राजेश अहिरवार, विभागाध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा, विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग डॉक्टर ऋतू चतुर्वेदी, विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉक्टर रीतेश यादव, डॉक्टर प्रीति निगोटिया, डॉक्टर गिरीश दुबे अस्पताल प्रबंधक डॉ विकास त्यागी, डॉक्टर शुभांगी सिंह, सहायक पीआरओ राहुल अस्थाना सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस छात्र - छात्राएं उपस्थित हुए।
मेडिकल कॉलेज में साल 2023-24 सर्पदंश के आए 233 मामले
मेडिकल कॉलेज में हर साल जुलाई-अगस्त में दो सौ से ढाई सौ सर्पदंश के मरीज आते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में समय से अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को बचा लिया जाता है।
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रीतेश यादव, डॉक्टर प्रीति निगोटिया का कहना हैं कि सर्पदंश वाले व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए। मेडिकल कॉलेज में साल 2023-24 सर्पदंश के 233 मामले आए जिनमें से आईसीयू में 206 सर्पदंश के मरीजों को वेंटिलेटर पर रखकर ठीक किया है। इसके साथ ही 1543 मरीज एंटीसोरिक वेनम (ASV) लगाए गए।
कोई भी सर्पदंश में लापरवाही न बरतें
इस दौरान अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने जागरूक करते हुए कहा कि सर्पदंश के मामलों में, वक्त का महत्व काफी ज्यादा होता है। सर्वदंश के बाद अगर किसी के घर में समुचित इलाज नहीं होता तो उस घर के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इसी मृत्यु को बचाने के लिए एक जान भी अगर हम बचाते हैं तो हमारा मेडिकल कॉलेज हमारा चिकित्सीय विभाग,स्टाफ के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होती है
आज यह कार्यक्रम सभी में जागरूकता लाने के लिए आयोजित किया है समय पर सर्वप्रथम के मरीज को प्रायमरी चिकित्सा मुहैया कराए। अगर जहर-रोधी दवा देने में देरी होती है, तो संभावना है कि सांप के काटने से अंग को नुकसान हो सकता है, या घातक साबित हो सकता है। इसके लिए स्पेशल इंजेक्शन एंटीसेरिक वेनम (ASV) होता है।
इसकी सही मात्रा में सही समय पर लगाने से मरीज के एंटीजन एंटीबॉडी रिएक्शन बंद हो जाता है दो तरह के सर्वप्रथम सोते हैं उसे सोने ना दे तत्काल प्रायमरी हेल्थ केयर सेंटर लेकर जाएं। साथ ही अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस कहा कि इसकी पहचान : सर्प द्वारा गड़ाए गए दांतों से दो छेद बन जाते हैं, तेज दर्द उठता है और प्यास लगती है।