खनियाधाना। खनियाधाना तहसील के महरौली हल्का पटवारी को पिछोर एसडीएम ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। दरअसल महरौली हल्के में 122 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कराकर पटवारी खेती करा रहा था। रास्ता विवाद के लिए जिस गाड़ी से पटवारी को भेजा, वह गाड़ी लेकर दूसरे गांव चला गया। गांव के लोगों ने पटवारी पर 50 हजार रु. रिश्वत लेने के आरोप लगाए। खनियाधाना तहसीलदार के प्रतिवेदन पर पिछोर एसडीएम जेपी गुप्ता ने पटवारी जितेंद्र चौबे को निलंबित कर पिछोर अटैच कर दिया है। पिछोर एसडीएम गुप्ता ने महरौली हल्का पटवारी एवं प्रभारी राजस्व निरीक्षक जितेंद्र चौबे द्वारा ग्राम पौठयाई के राजस्व गांव हिम्मतपुर को निलंबित कर दिया है।
तहसीलदार ने प्रतिवेदन में लिखा है कि पटवारी द्वारा बेशकीमती सरकारी जमीन सर्वे नंबर 150 रकबा 24.39 हेक्टेयर पर अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण कराकर खेती कराई जा रही है। पटवारी चौबे द्वारा पीएम किसान ई-केवायसी एवं स्वामित्व का कार्य भी जारी निर्देश अनुसार नहीं किया है। खनियाधाना तहसीलदार ने पटवारी चौबे को दल के अन्य सदस्य पटवारियों के साथ सरकारी वाहन से गणेश खेड़ा में रास्ता विवाद के लिए भेजा था।
लेकिन पटवारी चौबे उक्त सरकारी वाहन बिना अनुमति के ग्राम धर्मपुरा ले गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि पटवारी ने 50 हजार रुपए लिए हैं। पटवारी के इस रवैया से सरकार की छवि धूमिल हुई है। 3 जुलाई को तहसील कार्यालय में कुछ व्यक्तियों ने तहसीलदार के सामने अपने-अपने कार्य लंबित होने की बात रखी। कुछ व्यक्तियों ने बताया कि कार्यालय के बाहर पटवारी चौबे ने पीठासीन अधिकारी एवं विधायक पिछोर के संबंध में भ्रमपूर्ण बातें कहीं,जिससे अनुचित स्थिति निर्मित हो सकती थी।