SHIVPURI NEWS - फिजिक्स में 4 तो अंग्रेजी में 5 ने किया चयन, देर शाम तक जारी थी काउंसलिंग

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पदोन्नति के विकल्प के तौर पर शिक्षा विभाग में प्रदेश स्तर से जारी उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया लगातार जारी है। सोमवार को बड़े कुनबे में शुमार माध्यमिक शिक्षकों के लिए विषयवार काउंसलिंग सुबह 10 बजे से शुरू की गई विषयवार आयोजित इस ऑनलाईन काउंसलिंग में संख्या अधिक होने से शाम 7 बजे के बाद भी प्रक्रिया जारी थी।

7 बजे तक माध्यमिक शिक्षक से उमाशि पर प्रभार के लिए भूगोल, फिजिक्स, गणित, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, संस्कृत व अंग्रेजी में काउंसलिंग पूरी हो गई थी। जबकि इकोनॉमिक्स, पॉलिटिक्स व हिस्ट्री की काउंसलिंग जारी थी। शाम तक फिजिक्स में 4 व अंग्रेजी में 5 लोगों ने सहमति के बाद ऑनलाईन संस्था विकल्प का चयन कर लिया था।

यह पूरी प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ के निर्देशन में काउंसलिंग टीम में शामिल प्राचार्य मुकेश मेहता, एनके जैन, विनोद जैन, भूपेन्द्र शर्मा, सहायक सांख्यिकी अधिकारी वत्सराज सिंह राठौड़, यादवेन्द्र सिंह चौधरी, स्थापना शाखा प्रभारी संतोष कोष्ठा व अरुण फरेले द्वारा संपादित कराई गई।

संभागीय स्तर से जेडी दीपक कुमार पाण्डेय लगातार ऑनलाईन प्रक्रिया को संपादित करा रहे थे, वहीं विभिन्न संकुलों के प्रभारी भी मौजूद रहे जिनमें लुकवासा से रामकृष्ण रघुवंशी, कोलारस से केपी जैन, सेंवढ़ा से शकील खान सहित अन्य प्रभारी मौजूद थे।

किस विषय में क्या रही स्थिति
शाम 7 बजे तक संपादित काउंसलिंग  के आंकड़ों पर गौर करें तो भूगोल में कुल 6 अभ्यर्थियों में से 2 ने सहमति दर्शाई जबकि 1 अपात्र व 3 गैरहाजिर रहे।  फिजिक्स विषय में सभी 4 अभ्यार्थियों ने सहमति देकर विकल्प का चयन किया। सबसे महत्वपूर्ण विषय गणित में संख्या 13 थी जिनमें महज 1 ने सहमति दी 8 गैरहाजिर रहे। 3 ने असहमति दी जबकि 1 विकल्प चयन से पहले नदारद हो गया जिसे पंचनामा बनाकर लिपिबद्ध किया गया है।

रसायन शास्त्र में कुल 6 पात्र में से 4 ने सहमति दी जबकि 2 गैरहाजिर रहे। जीव विज्ञान में किसी ने सहमति नहीं दी। 7 अनुपस्थित जबकि 2 ने लिखित में असहमति दी। इधर संस्कृत में 3 में से 1 ने सहमति, 1 ने असहमति तो 1 अपात्र पाया गया। सबसे अधिक संख्या अंग्रेजी में रही जहां 17 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 5 ने सहमति दी 5 अनुपस्थित व 5 ने असहमति व्यक्त की, 2 ऐसे थे जो अपात्र पाए गए। अधिकांश अपात्र वो हैं जिन्होंने निकाय परिवर्तन कर लिया था और उस लिहाज से उनकी वरिष्ठता गलत अंकित थी।