SHIVPURI NEWS - 24 लाख रिश्वत नही मिलने के कारण रोका गया कुटीरो का पैसा, रोजगार सहायक तक बदल डाला

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद के गुरीछा गांव में 121 पात्र हितग्राहियों की पीएम जन मन आवास की प्रथम किस्त का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण इस गांव में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ इस गांव के आदिवासी लोगो को नही मिला है। इस मामले को लेकर आज गुरिच्छा गांव के आदिवासी एक ट्रैक्टर में कलेक्टर शिवपुरी से मिलने आए थे लेकिन अवकाश होने के कारण आदिवासी मिल नहीं सके।

जैसा कि विदित है कि पोहरी जनपद में आने वाले गुरिच्छा गांव में 121 हितग्राहियों का चयन पीएम जन मन आवास योजना के तहत हुआ था लेकिन आज दिनांक तक इन आवासों की प्रथम किस्त भी जारी नहीं हुई है। आदिवासियों ने बताया कि ग्राम पंचायत गुरिच्छा में हम सभी आदिवासियों का सर्वे पूर्ण हो चुका है परंतु पिछले 7 महीनों में किसी भी आदिवासी को प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।

जबकि ग्राम पंचायत गुरिच्छा के रोजगार सहायक महेंद्र सिंह तोमर एवं पी सी ओ आर के चौधरी के द्वारा छूटे हुए परिवारों का सर्वे पूर्ण कर लिया गया है सर्वे उपरांत सभी के आधार कार्ड  एवं बैंक का खाता फीड कर डाटा अपलोड कर दिया गया है परंतु जनपद पंचायत पोहरी के प्रधानमंत्री आवास योजना के बी सी वीपेन्द यादव के द्वारा जानबूझकर हमारे खातों में पैसे नहीं डाले जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि आदिवासी कुटीरो को लेकर जनपद में राजनीति शुरू हो चुकी है। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा 20 हजार रुपए प्रति कुटीर का प्रेशर बनाया जा रहा है लेकिन रोजगार सहायक देने को तैयार नहीं हुआ इस कारण उसकी आईडी लॉक कर किसी अन्य सेक्रेटरी को पंचायत का प्रभार सौंप दिया गया है। पोहरी जनपद में लगातार कुटीरो में रिश्वत मांगने के खबरे मिल रही है और इसकी शिकायत जिला स्तर पर कलेक्टर शिवपुरी को की जा रही है फिर भी बिना रिश्वत के कुटीरो का पैसा आदिवासियों के खाते में नहीं आ रहा है।

ग्राम पंचायत गुरिच्छा में लगभग 24 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की जा रही है,रिश्वत नहीं मिलने के कारण ही इस ग्राम पंचायत की कुटी का पैसा लॉक करके रखा है। वही शिवपुरी जनपद की बात करे तो शिवपुरी जनपद में देा आदिवासी कॉलोनियो का निर्माण कर दिया जो राष्ट्रीय स्तर पर सराही जा रही है और शिवपुरी जनपद मे ही देश की सबसे पहली कुटीर बनी थी। अब देखते है कि ग्राम पंचायत गुरिच्छा के मामले में कलेक्टर शिवपुरी आगे क्या निर्णय लेते है।