SHIVPURI NEWS - 18 आशा कार्यकर्ताओ की नियुक्ति जांच में फर्जी निकली,हटाने का प्रस्ताव तैयार

Bhopal Samachar

शिवपुरी। नरवर में तत्कालीन बीएमओ द्वारा की गई 18 आशाओं की नियुक्ति नौ साल बाद हुई जांच में अवैधानिक पाई गई है। बीएमओ ने आशाओं की नियुक्तियो के दौरान शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन को खूंटी पर टांग दिया था। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों फर्जी नियुक्ति करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान जैसे तमाम घोटाले मौजूद हैं। अगर शासन स्तर से हर योजना की सर्जरी की जाए तो न जाने कितने घोटाले सामने आएंगे। इसी क्रम में पिछले माह नरवर में आशा भर्ती कांड उजागर हुआ था।

उक्त भर्ती में तत्कालीन बीएमओ डा. आरआर माथुर ने बीसीएम अवधेश गौरैया से सांठगांठ कर नियम  को ताक पर रखकर शहरी क्षेत्र के 15 वार्ड में 8 आत कार्यकर्ताओं को नियुक्ति कर डाली। आशा कार्यकर्ता पिछले साल तक से यहां काम करती रही, परंतु आशा कार्यकर्ताओं से लेकर भोपाल तक किसी को इस बात का पता तक नहीं गाव कि उनकी नियुक्ति पूर्णतः फर्जी है। आशा कार्यकर्ता नौ साल तक वार्डो में अपनी सेवाएं देती रहीं और विभाग उन्हें वेतन सहित तमाम भतों के साथ जिला स्तरीय ट्रेनिंग देता रहा।

इसी क्रम में पिछले महीने जब आशाओं की नियुक्ति को लेकर संशय सामने आया तो सीएमएचओ डा पवन जैन ने आशाओं के काम पर रोक लगाकर उनकी नियुक्ति की जांच डा संजय ऋषिश्वर से करवाई जांच के दौरान यह तथ्य सामने आए कि तत्कालीन बीएमओ ने नियुक्ति के संबंध में उन नियमों का पालन नहीं किया था जो शासन द्वारा जारी किए गए थे। सभी आशा कार्यकर्ताओं को नौकरी से हटा दिया गया है।

तब से विभाग सो रहा था क्या, हम कोर्ट जाएंगे, धरना देंगे

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नौकरी से हटाए जाने से आहत हुई सभी आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी नियुक्ति 2015 में हुई थी। नियुक्ति भी बकायदा जगह निकलने पर आवेदन करने के उपरांत पूरी प्रक्रिया को अंजाम देकर की गई। वह इतने सालों से जब काम कर रही थीं, तब विभाग को यह पता नहीं चला कि उन्होंने कहां भर्ती निकाली थी और कहां नियुक्ति की गई है। अब अगर विभाग कहता है कि उनकी भर्ती फर्जी है तो इसमें उनका क्या दोष है? आशा कार्यकर्ताओं के अनुसार वह अपनी नौकरी के लिए न सिर्फ धरना प्रदर्शन करेंगी, बल्कि भोपाल में भी प्रदर्शन करेंगी। अगर इसके बाद भी उन्हें काम से हटाया जाता है तो वह इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। भी

ऐसे दिया भर्ती कांड को अंजाम शहरी क्षेत्र में भर्ती नहीं होनी थीं, वहां भर्ती कर दीं। वहीं स्लम एरिया में भर्ती होनी थी, लेकिन वहां अर्हताओं का ध्यान नहीं रखा गया। वहीं भर्ती करते समय आशा कार्यकर्ताओं और विभाग से कई तथ्यों को छुपाया गया। वहीं कई तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें विभाग और अभ्यर्थियों के सामने प्रस्तुत किया गया।

जांच पूरी रिपोर्ट  तैयार

 मामले की जांच पूरी हो चुकी है और उसमें रिपोर्ट भी तैयार हो गई है। नरवर में जिन आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई थी, उनकी नियुक्ति के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया था। सभी को पद से प्रथक करने की प्रक्रिया चलन में है। 
डॉ. संजय ऋषिश्वर, जांचकर्ता, अधिकारी