ग्राउंड जीरो से मुस्कान खान शिवपुरी। मप्र और राजस्थान की सीमा से जुडने वाला शिवपुरी जिले का बस स्टेंड शिवपुरी जिले की गरिमा को घटा रहा है,किसी भी शहर का बस स्टेंड उसकी छबि को प्रदर्शित करता है। शिवपुरी का अंतरराज्यीय बस स्टेंड पर 3 स्टेट की बसे रूकती है और सवारी आती है,बस स्टेंड की स्थिति देख शहर की छवि का आकलन करती होगी और टूरिज्म की ओर बढते कदमो में यह छबि बेडिया सावित होती है। क्यों की यहा मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ गंदगी का ढेर है,या यू कह लो की गंदगी के ढेर पर शिवपुरी का बस स्टेंड बैठा हुआ है।
अंतराज्जीय बस स्टैंड पर पेज जल की स्थिति जीरो
शिवपुरी का अंतरराज्यीय बस स्टैंड का दर्जा प्राप्त बस स्टैंड पर पेयजल की व्यवस्था जीरो है,पानी के नाम पर यहां केवल जलभराव है अभी हाल में ही गर्मियां विदा हुई है ऐसे में लोगों को केवल पानी के पाउच और बोतले खरीद कर अपनी प्यास बुझानी पड़ी थी,इस बस स्टेंड पर स्वच्छ पेयजल का अभाव है।
साफ सफाई की स्थिति जीरो
देश में स्वच्छ भारत का नारा चल रहा है,शिवपुरी की नगर पालिका भी स्वच्छ भारत का नारा लगाते हुए शहर में दीवार लेखन करा रही है लेकिन बस स्टेंड पर साफ सफाई की स्थिति बडी ही दयनीय है,चारों ओर चल भराव है नालियों की स्थिति यह वर्षों से इनकी सफाई नहीं हुई है,इस कारण पानी की निकासी नही होती है और गंदा पानी बस स्टेंड परिसर में एकत्रित होता है। इस कारण वहां से पैदल निकलने वाले यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पडता है। खासकर महिलाओं के लिए बस स्टेंड से निकलना किसी चुनौती से कम नहीं हैै।
टूटे पडे शौचालय खुले में शौच जाने के लिए मजबूर यात्री
बस स्टैंड पर चूडी बेचने वाली फरीदा राईन और सरिता ने बताया कि इस बस स्टेंड के शौचालय टूटे और गंदे पडे है। इनकी सफाई नही होती है,इस कारण इनका उपयोग नहीं होता है। इस कारण महिलाओं को शौचालय का उपयोग करने में परेशानी होती है।
इस कारण पैसे देकर शौच करने जाना पडता है। बस स्टेंड पर 3 हजार से अधिक यात्री और एक हजार से अधिक लोग रोजगार के लिए प्रतिदिन आते है। बस स्टैंड पर दुकान संचालकों का कहना है कि स्वच्छ भारत के नाम पर यात्री प्रतीक्षालय में मवेशियों का बसेरा है प्रतीक्षालय में टूटे हुए बंद पंखे व लाइट है तथा स्वच्छता के नाम पर प्रतिक्षालय में गंदगी पड़ी हुई है व न ही पानी कि सुविधा है और न ही शौचालय की।
पहले दुकान के निकले कचरे को डालने के लिए कचरा गाड़ी आती थी लेकिन कुछ समय से कचरा गाडी भी नहीं आ रही है जिससे हमें दुकान का कचरा अपनी गाड़ियों में भरकर फेंकने जाना पडता है। तथा जब से यह स्टैंड बना है तब से इन सभी समस्याओं का सामना करना पड रहा है।
17 बीघा में एक हजार लोगों का रोजगार
ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवपुरी बस स्टैंड के पास सबसे अधिक यानी 17 बीघा जगह है। जिसमें दुकानदारों के अलावा बस पर चलने वाले ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर, वाहन सुधारने वाले मिस्त्रियों के अलावा बसों पर आवाज लगाने वालों सहित लगभग 1 हजार लोगों को यहां हर दिन रोजगार मिलता है। यह सभी लोग बदहाल बस स्टैंड पर बरसात के मौसम में बमुश्किल अपना काम कर पाते हैं। जलभराव होने के बाद मिस्त्री तो हाथ पर हाथ धरकर ही बैठ जाते हैं।
टूरिज्म के लिए गंदी तस्वीर,वीडियो का काम करता है
बस स्टेंड पर प्रतिदिन कई दूसरे शहरों और अन्य प्रदेशों की बसे आती है जो व्यक्ति शिवपुरी जिले को क्रॉस करते हुए अन्य शहर में जाता है। वह यात्री अगर शिवपुरी के बस स्टैंड पर उतरता है और बस स्टैंड की यह हालात देखतो है तो वह शहर की बेड छबि को लेकर जाता है। अगर वह पुन:आकर शिवपुरी भ्रमण करने का प्लान अपने परिवार सहित आने की प्लानिंग करता है तो वह इस छबि को देखकर अवश्य ही शिवपुरी आने के प्लान को कैंसिल कर देता होगा,बस स्टैंड की हालत जहां यात्रियों को तो परेशानी दे रही है साथ में शिवपुरी के टूरिज्म के पैर में भी बेडिया डालने का काम कर रही है।