नरवर। शिवपुरी जिले के नरवर थाना सीमा में निवास करने वाले 32 साल का युवक घायल अवस्था में 1 जून को झाड़ियों में घायल अवस्था मे मिला था। युवक को उपचार के लिए ग्वालियर रेफर किया गया था,इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई थी। युवक 30 मई को लापता हो गया था और 31 मई को उसकी थाने में गुमशुदगी दर्ज की गई थी। युवक के सिर पर गहरी चोट होने के कारण उसकी मौत हो गई थी। नरवर थाना पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने इस अंधे हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है। युवक की हत्या एक लाख रुपए के लेनदेन के कारण हुई थी।
जानकारी के मुताबिक मगरौनी चौकी क्षेत्र के खारा कुआं निजामपुर निवासी गब्बर सिंह (32) पुत्र राम सिंह कुशवाह 30 मई की सुबह से लापता था। परिजनों ने दूसरे दिन 31 मई को गब्बर सिंह के गायब होने की मगरौनी चौकी में सूचना दी थी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। पुलिस को गब्बर सिंह बिजली कंपनी कैंपसर में झाड़ियों में घायल हालत में मिला। इलाज के लिए नरवर से पहले शिवपुरी जिला अस्पताल भेजा, जहां से ग्वालियर रेफर कर दिया। ग्वालियर में इलाज के दौरान गब्बर सिंह की मौत हो गई है। मौत के बाद परिजन शव नरवर लाए और पुलिस थाने के बाहर रख दिया। परिजन हत्या की बात कहकर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
गब्बर सिंह की पीएम रिपोर्ट आने के बाद नरवर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी थी। मृतक गब्बर सिंह कुशवाह के मोबाइल नंबर की सीडीआर, बैंक खाते की लेनदेन की जानकारी खंगाली गई तो परिजनों के कथन, सीडीआर रिपोर्ट के अवलोकन एवं मृतक गब्बर सिंह के बैंक खाते में घायल अवस्था में भी ऑनलाइन फोन पे के द्वारा हुए लेनदेन दिखाई दे रहा था।
पुलिस ने संदेह के आधार पर दशरथ उर्फ छोटा कुशवाह पुत्र बादामसिह कुशवाह निवासी वार्ड क्र. 01 निजामपुर चौकी मगरोनी थाना नरवर राउंड अप कर उससे पूछताछ की तो उसने गब्बर सिंह की हत्या करना स्वीकार किया। दशरथ उर्फ छोटा कुशवाह ने पुलिस को बताया कि वह ONLINE फिनो बैंक पर आधार आई डी से रुपये लेन देन का काम करता है जो ऑनलाइन B.C (विलैया गैम) में वह एक डेढ़ लाख रुपये करीब हार गया।
इससे उसके ऑनलाइन रुपये लेन देन का काम खराब हो गया तो उसने पडोसी गब्बर सिंह कुशवाह से दिनांक 29 मई को अपने खाते में एक लाख रुपये डालने को कहा तो गब्बर कुशवाह ने अपना MOBILE दशरथ को दे दिया तो दशरथ कुशवाह ने अपने मोबाइल पर गब्बर कुशवाह के मोबाइल से एक लाख रुपये PhonePe किये तभी दशरथ ने मोबाइल का पासवर्ड और फोन पे का पासवर्ड देख लिया था।
अगले दिन गब्बर कुशवाह ने जब अपने रुपये मांगे तो दशरथ कुशवाह उसे नरवर बैंक से पैसे निकालकर देने की कहकर उसे अपनी मोटर सायकल पर बैठाकर लाया फिर लोढी बाले सिंध नदी पुल पर गब्बर सिंह को गाडी चलाने के लिए दे दी और स्वय पीछे बैठ गया फिर नरवर बिजली घर के पास आकर दशरथ ने कहा कि पहले मेरी ससुराल मोहिनी गांव चलते है फिर बैक चलगे तो गब्बर कुशवाह ने मोटरसाइकिल बिजली घर के पीछे वाले कच्चे रास्ते मोहनी वाली रास्ता पर मोड़ दी।
बाइक जैसे ही कचरा घर के आगे कच्चे रास्ते पर दखनी बबूल की झाड़ियों के पास पहुंची तो दशरथ ने पेशाब करने का बहाना लेकर मोटरसाइकिल रुकवा ली और कचरा के पास से एक बांस का डंडा उठाया और पीछे से गब्बर कुशवाह के सिर व बायीं आँख के पास कनपटी पर प्राणघातक हमला किया जिससे गब्बर मोटर सायकल सहित जमीन पर गिर पडा और दशरथ ने एक दो डंडा उसी तरफ कनपटी मे मारे, फिर गब्बर को मरा समझ गर छोड़ कर भाग गया था। लापता गब्बर पुलिस को घायल अवस्था मे मिला था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने घटना में प्रयोग किया बांस का डंडा ओर बाइक को जब्त करते हुए आरोपी को जेल भेजने की कार्रवाई की।