शिवपुरी। पूर्व कांग्रेस नेता व श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अयोध्या सीट को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद रजक समाज ने इस पर विरोध जताया है। आज यानी सोमवार को समाज के लोगों ने आचार्य प्रमोद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एसपी ऑफिस पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा हैं। दरअसल, आचार्य प्रमोद कृष्णन ने बीजेपी के अयोध्या सीट हारने पर X पर ट्वीट किया था कि मंथरा और कैकई के साथ वो धोबी भी अयोध्या में रहते हैं। जिसने सीता मैया को वन में भेजने का पाप किया था।
ज्ञापन देने पहुंचे अखिल भारतीय रजक महासंघ के जिलाध्यक्ष मानसिंह रजक ने बताया की 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए। जिसमें अयोध्या सीट से भाजपा के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। इसी के संदर्भ में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आचार्य प्रमोद ने लिखा कि मंथरा और केकई के साथ वो धोबी भी अयोध्या में रहता था जिसने सीता मैया को वन में भिजवाने का "पाप" किया था।
मानसिंह रजक ने कहा कि अयोध्या में अगर भाजपा का प्रत्याशी हार गया तो इसका धोबी समाज से क्या लेना देना है और पूर्व में भी जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज ने भी 2017 में ऐसी ही जाति सूचक बात भरे मंच से कही थी। जिसके कारण सम्पूर्ण भारत में विरोध प्रदर्शन हुए थे। जिसे बाद में उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा था। सीता माता के वनवास को लेकर धोबी शब्द की जो भ्रांति है उसका वाल्मीकि द्वारा लिखित मूल रामायण में कही भी किसी जाति का जिक्र नहीं है। वहां प्रजा शब्द का जिक्र किया गया है फिर भी बार बार इन ओछी व घृणित मानसिकता के लोगों द्वारा दलित धोबी समाज को जाति सूचक "धोबी" शब्द लिखकर मंचो से बोलकर अपमानित किया जाता है और अब यह अपमान धोबी समाज सहन नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि आचार्य प्रमोद के द्वारा लिखे गए जाति सूचक शब्दो ने रजक समाज को सोशल मीडिया के माध्यम से अपमानित करने का कार्य किया है। जिससे सम्पूर्ण भारत वर्ष के रजक समाज में रोष व्याप्त है। रजक समाज ने मांग की हैं की दलित रजक समाज को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने वाले आचार्य प्रमोद के खिलाफ कानून की गंभीर से गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही जाए।