बदरवास। शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग के बदरवास थाना सीमा में आने वाले धामनटूक के जंगल से पुलिस ने जंगल से पुलिस ने आतिशबाजी बनाने की अवैध फैक्ट्री पकड़ी है। लेकिन आतिशबाजी बनाने वाले अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल निकले। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बदरवास तहसीलदार प्रदीप भार्गव को मुखबिर से सूचना मिली कि धामनटूक के जंगल में अवैध रूप से भारी मात्रा में आतिशबाजी बनाई जा रही है। सूचना पर वह सोमवार की देर रात टीआई रवि चौहान और पुलिस फोर्स के साथ मौके पर कार्रवाई करने के लिए बताए गए स्थान पर पहुंचे तो कुछ लोगों के बात करने की आवाज सुनाई दी। पुलिस ने घेरा डालकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो वह लोग अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गए। गाड़ी की लाइट और टॉर्च के उजाले में साक्षियों ने भागने वालों की पहचान शाहिद पुत्र मुन्ना खान एवं इरफान खान निवासीगण बदरवास के रूप में की।
घटना स्थल से विस्फोटक पदार्थ सोडा करीबन 40 किलो, बत्ती मसाला करीबन 30 किलो, सूत के गट्टे 20 नग, बारूद जैसा सफेदा करीब 25 किलो, पिसा हुआ कोयला करीबन सात किलो, एल्यूमीनियम पाउडर जैसा करीबन 10 किलो, गंधक जैसा करीबन चार किलो एवं आतिशबाजी बनाने की सामग्री मय कागज के खोल प्रथक-प्रथक प्लास्टिक के कट्टों मे रखे मिले। जब्त किए गए सामान की कीमत करीब 50 हजार नै रुपये आंकी गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।
आठ लोगों की मौत के बावजूद भी नहीं थमा मौत का कारोबार
यहां बताना होगा कि शाहिद खान का परिवार पहले इसी तरह की अवैध आतिशबाजी की फैक्ट्री बदरवास कस्बे के रिहायशी क्षेत्र में चलाता था। करीब दो साल पहले 12 अप्रैल 2022 को उक्त फैक्ट्री में इतना जबरदस्त विस्फोट हुआ था कि हादसे में 13 लोग घायल हो गए थे। इन घायलों में से आठ लोगों की मौत हो गई थी। बावजूद इसके उक्त परिवार द्वारा मौत के इस अवैध कारोबार को बंद नहीं किया जा रहा। अब वह इस अवैध फैक्ट्री को जंगल में संचालित कर रहा है। खास बात यह है कि उक्त हादसे में आरोपित शाहिद की बेटी भी मौत के आगोश में समा गई थी।