एक्सरे ललित मुदगल @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले मे बैराड कस्बे में शिवपुरी जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला कालामढ के रूप में सामने आया। कई हेक्टेयर जमीन को बैराड़ के एक सक्रिय रैकेट ने करोड़ों में बेच दिया हालांकि कालामढ कांड में एसडीएम से लेकर आधा दर्जन लोगों पर मामला दर्ज हो चुका है,लेकिन फिर भी वहां की लोकल सरकार अभी भी सरकारी जमीनों का बचेने के प्रयास में लगी है। बैराड में कॉलेज जरूरी है पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वर्षों पहले कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी थी जमीन भी प्रस्तावित सर्वे ने 571/1 के रूप में हो चुकी थी लेकिन बैराड की लोकल सरकार ने इस जमीन को ही बेच दिया।
बैराड़ में एक सरकारी जमीन को बेचने का एक गिरोह सक्रिय है जो सरकारी जमीन पर प्लाटिंग कर उन्हें बेच देता है जिसे स्थानीय स्तर पर लोकल सरकार कहते है। अब यह लोकल सरकार दूसरा कालामढ जैसा काण्ड करने को तैयार है हालांकि इसकी शिकायत हो चुकी है लेकिन कालामढ की जमीन को एक सैकड़ा शिकायत को बाद भी स्थानीय प्रशासन रोक नही सका था,अंत:बैराड़ के कुछ जागरूक नागरिक हाईकोर्ट की शरण ली जब जाकर कालामढ में सरकारी जमीन के सौदे बंद हो गए,लेकिन लोकल सरकार ने कॉलेज की प्रस्तावित जमीन को बेच कर यह सिद्ध कर दिया कि हम यहां के सब कुछ है।
बैराड नगर परिषद की 30 हजार की आबादी है और बैराड से 30 गांव भी लगे हुए है। बराड़ा में 12वीं क्लास तक की शिक्षा की व्यवस्था लेकिन लेकिन 12 के बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए इस क्षेत्र के बच्चों का या तो पोहरी जाना होता है या शिवपुरी जिला मुख्यालय,इस कारण खासकर लड़कियां कॉलेज की पढाई से वंचित रह जाती है,ऐसे में बैराड में कॉलेज जरूरी है।
कॉलेज की बिल्डिंग को बनाने को लेकर कई बार स्टूडेंट स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मांग कर चुके है,लेकिन स्थानीय प्रतिनिधियों को बच्चों के भविष्य से कोई लेना देना नही है वर्तमान में पोहरी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक कैलाश कुशवाह है कैलाश कुशवाह से इस मामले मे बातचीत की गई तो विधायक महोदय ने बताया कि आचार संहिता हटने के बाद सभी प्रस्तावित प्रोजेक्ट की मांग होगी,जिसमें सबसे पहले कॉलेज की डिमांड होगी। वह इससे पूर्व पोहरी से भाजपा से सुरेश राठखेडा विधायक थे और मप्र शासन में मंत्री भी,बच्चों ने कई बार कॉलेज बनाने की डिमांड भी की लेकिन उन्हें आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नही मिला।
प्रदेश में शिक्षा के स्तर सुधारने के लिए सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे है आज नही तो कल बैराड का प्रस्ताव कॉलेज अपने अस्तित्व में आना शुरू हो जाएगा,लेकिन उस समय बैराड़ मे सरकार के पास सरकारी जमीन नही होगी,फिर मामला सालो लटक सकता है वर्तमान समय में हम सरकारी जमीन को तो बचा सकते है लेकिन ऐसा नही है।
मामला सरकारी जमीन को बेचने का एक शिकायत के रूप में सामने आ रहा है। शिकायत कर्ता ने तहसीलदार ओर नगर पंचायत को आदेवन दिया था कि बैराड में प्रस्तावित कॉलेज की भूमि सर्वे क्रमांक 571/1 का खुर्दबुर्द कर प्लाटिंग कर बेचा रहा है। इसका सीमाकंन अति आवश्यक है,यह जमीन सन 2009 मे आवंटित हो चुकी है लेकिन लोकल सरकार के दबाव में अभी तक पोहरी के एसडीएम और खैरागढ़ के तहसीलदार एवं सीएमओ इस जमीन का सीमांकन कर अतिक्रमण से मुक्त नही सके। कुल मिलाकर भूमाफियाओं ने बच्चों के भविष्य हो बेच दिया है। अब देखते है कि आचार संहिता के बाद स्थानीय विधायक इस मुद्दे को कहा तक ले जाते है।