अतुल जैन @बामौरकलां। पिछोर अनुविभाग के बामौरकलां कस्बे में बस स्टैंड बनाने के लिए प्राचीन तालाब की पार फोड़ डाली। पिछले साल फोड़ी गई पार के कारण तालाब खाली हो गया। पहली बार तालाब की वजह से पूरे कस्बे का जल स्तर नीचे चला गया है। तालाब की वजह से जल स्तर बरकरार रहता था, इस दिनों पूरी तरह से सूखा पड़ा है। एक तरफ सरकार ने अमृत सरोवर तालाब बनवाए, दूसरी तरफ बामौरकलां का प्राचीन तालाब का अस्तित्व ही खत्म किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक बामौरकलां कस्बे में नए बस स्टैंड के लिए जगह नहीं मिली तो तालाब को पीछे खिसकाने की साजिश रच दी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अफसरों ने करीब 61 लाख की लागत से बामौरकलां में बस स्टैंड बनाने के लिए तालाब की जेसीबी से पार तुड़वा दी। लोगों ने तालाब खाली होते देख विरोध किया तो आरईएस के अफसर गायब हो गए। लेकिन फूटी पड़ी पार को ठीक कराने कोई सामने नहीं आया।
बारिश का दौर खत्म होते ही तालाब भी धीरे खाली होता चला गया। गर्मियों में तालाब पूरी तरह से सूख चुका है। तालाब सूखने का असर पूरे बामौरकलां के जल स्तर पर पड़ा है। दरअसल बीच कस्बे में मौजूद उक्त तालाब की वजह से बामौरकलां का जल स्तर हमेशा ऊपर रहता था। लेकिन तालाब खाली होते ही पहली बार गर्मियों में जल स्तर नीचे चला गया है।
लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है। कस्बे में जल स्तर 40 से 50 फीट पर था, अब नीचे चला गया बामौरकलां कस्बे में लोगों ने अपने घरों में हैंडपंप व सिंगल फेल मोटर डालकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि हमेशा से 40 से 50 फीट पर डाले पाइपों से पानी मिलता रहता था। लेकिन इन दिनों गर्मियों के मौसम में जल स्तर काफी नीचे चला गया है। हैंडपंप पानी छोड़ने लगे हैं। बोरवेल पहले 30 मिनट व इससे ज्यादा चलते थे, वह 5 मिनट में ही पानी छोड़ देते हैं। जल स्तर गिरने से पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है जिससे लोगों को चिंता सताने लगी है।
बस स्टैंड के लिए विधायक निधि से भी राशि मिलना थी
ग्राम पंचायत द्वारा 25 लाख रु. की लागत से कार्य कराए जाते हैं। लेकिन बस स्टैंड की लागत 61 लाख रु. के आसपास बताई जा रही है। ज्यादा राशि की वजह से आरईएस द्वारा बस स्टैंड का काम कराया जा रहा था। बस स्टैंड बनाने के लिए तालाब को पीछे खिसकाकर छोटा आकार किया जा रहा था। जनता के विरोध के चलते आईएस को पीछे हटना पड़ा।
पहले टिल्लू डालकर 20 से 25 फीट से ही पानी निकल आता था। अब पानी 50 फीट से नीचे पहुंच गया है। सबमर्सिबल पंप डलवानी पड़ी। इससे भी मुश्किल पानी की पूर्ति हो पा रही है। तालाब गंदगी से पटा पड़ा है। इसकी सफाई और गहरीकरण होना चाहिए।
बिपिन बिहारी भार्गव, बामौरकलां
तालाब सूखने से कस्बे का जल स्तर गिर गया है। बामौरकलां में गर्मियों में पहली बार पानी का संकट गहराया है। तालाब पार टू टूटने की वजह से। से ऐसा हुआ है। यदि बरसात से तालाब की पार ठीक करा दी जाए तो जल संकट से बचाया जा सकता है। - अरुण कुमार जैन, निवासी बामौरकलां
इनका कहना है
तालाब पीछे खिसकाकर आगे दुकानें व बस स्टैंड प्रस्तावित किया गया था। लेकिन लोगों के विरोध के चलते काम नहीं हो सका। तालाब की पार किसने तुड़वाई, मेरी जानकारी में नहीं है। पुराने बस स्टैंड के पास ही नया बस स्टैंड बनना है, जिसके टेंडर लगे हैं। सुरेंद्र गुप्ता, एई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पिछोर