शिवुपरी। जिला सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता ने पत्नी को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी पति को आजीवन कारावास व 5 हजार के रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है,आरोपी ने जमीनी विवाद मे अपने पडौसी का फसाने के लिए अपनी ही पत्नी पर पेट्रोल डालकर जिंदा फूंक दिया था। इस मामले में थाने में पहले मर्ग की कायमी की गई थी,पुलिस ने आगे जांच की तो यह मामला हत्या का निकला था। इस मामले में शासन की और से पैरवी मनोज कुमार जैन जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
बौना निवासी टुडियाबद थाना बदरवास ने 4 अप्रैल को रिपोर्ट किया की उसकी पत्नी रानी, पुत्र कुन्नी, इन्द्रसेन यादव के ट्रेक्टर से हरिपुर स्कूल के सामने वाले खेत में मकान बनाने के लिए पाटे (पत्थर) लेकर आये थे, करीब 10:30 बजे राधे यादव, मुन्ना यादव, लल्लू यादव मकान बनाने की मना कर रहे थे, इसी बात पर उनका विवाद हुआ तो गुस्से में आकर उसकी पत्नी रानी ने पेट्रोल डालकर अपने आप में आग लगा ली।
उन्होंने बुझाने की कोशिश की, तब तक रानी पूरी तरह जल चुकी थी, थोड़ी देर बाद रानी की मृत्यु हो गयी। उक्त आधार पर मर्ग कं. 14/2022 धारा 174 दं.प्र.सं. पंजीबद्ध कर जांच की गयीं। मर्ग जांच के दौरान पाया गया की आरोपी ने राधे यादव से जमीनी विवाद होने के कारण उसको और उसके परिवार के सदस्यों को फसाने के लिए गुस्से में आकर अपनी पेंट की जेब से पेट्रोल से भरी बोतल निकालकर पास में खडी अपनी पत्नी रानी के सिर पर डालकर एकदम माचिस लगा दी, जिससे रानी के जलने पर आराम उर्फ बोना पीरा हार तरफ भागता चला गया।
मुन्ना यादव द्वारा मौके पर हाथों से मृतिका की आग बुझाने की कोशिश की, जिससे मुन्ना के हाथ जल गये परंतु आग नहीं बुझी, मृतिका रानी मौके पर जलकर मर गयी अभियुक्त आराम उर्फ बौना द्वारा अपनी पत्नी की जलाकर हत्या करना पाये जाने से उसके विरूद्ध थाना बदरवास अप.क्र. 113/2022 अंतर्गत धारा 302 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबध्द कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से सभी आवश्यक साक्षियों को परीक्षित करवा कर अभियोजन के दस्तावेजों को प्रमाणित कराया एवं आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने हेतु तर्क प्रस्तुत किये जिससे सहमत होकर माननीय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा निर्णय से माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को धारा-302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/- रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में शासन की और से पैरवी मनोज कुमार जैन जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।