SHIVPURI NEWS - पत्रिका ने सड़क पर सजाई मंडी,भास्कर ने उगाई तालाब में फसल,नई दुनिया की खबर में सीमा की लड़ाई

Bhopal Samachar

शिवपुरी। आज के शिवपुरी के प्रमुख समाचार पत्रों में पत्रिका डेढ करोड खर्च होने के बाद फल और सब्जी मंडी के सडक पर आने का विश्लेषण किया है वही भास्कर ने अपनी लीड खबर में गंगा संवर्धन अभियान पर फोकस करते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। वही नई दुनिया ने बदरवास थाना में दर्ज हुए एक बलात्कार के मामले को अपनी लीड खबर बनाया है। वही नई दुनिया की एक्सुलिव सेकेंड लीड खबर में पर्यावरण की चिंता की गई है कि राजस्व और वन विभाग की सीमा की लड़ाई में पेड़ गायब हो रहे है। वही पत्रिका ने एक अन्य खबर में लॉ कॉलेज के डाइस कोड का मामला उठाया है।

नई दुनिया। नई दुनिया की लीड खबर में बदरवास थाना सीमा में शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी में निवास करने वाली एक युवती के बलात्कार का मामला प्रकाशित किया है। इस खबर मे लिखा गया है कि  जिले के बदरवास थाना क्षेत्र में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। एक हरिजन युवती को प्यार के जाल में फंसाकर युवक ने पहले उसका अपहरण किया, फिर उसे भोपाल, गुना और शिवपुरी के बदरवास में रखकर एक साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया।

जब युवती ने शादी का दबाव बनाया तो आरोपी युवक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर युवती को उत्तर प्रदेश के जलालपुर में 12 लाख रुपये में बेच दिया। हालांकि जिस व्यक्ति ने युवती को खरीदा था वह युवती को लेकर बीती रात शिवपुरी देहात थाने में पहुंचा तब जाकर मामले का राजफाश हुआ।

शिवपुरी निवासी 28 वर्षीय पीड़िता करीब दस साल से मंगल मसाला फैक्ट्री गुना बाईपास रोड पर अपनी मां के साथ काम करने जाती थी। वहां उसकी पहचान मनोज रजक  से हो गई। दोनों के बीच बातचीत होने लगी तो एक दिन मनोज रजक ने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया और शादी करने की बात कही। इसके बाद करीब एक साल पहले मनोज ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर उसका अपहरण कर भोपल ले गया और तीन माह तक उसके साथ रहा,पीडिता मनोज पर शादी का दबाव बना रही थी।

 इस कारण मनोज उसे बदरवास ले आया और अपने एक दोस्त के रूम पर रखा। मनोज के दोस्त रवि और बलवीर गुर्जर ने पीडिता के साथ मिलकर मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी देकर जैसा वो कहे वैसा करने को राजी करते हुए उसको 12 लाख रुपए में उत्तर प्रदेश के अमरेश गुर्जर को बेच दिया। लेकिन अमरेश को पीडिता ने अपनी कहानी सुना दी और अमरेश पीड़िता को लेकर शिवपुरी पुलिस के पास लेकर आया पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर तीनो युवको के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
 
वही नई दुनिया ने अपनी सेंकेड लीड खबर में पर्यावरण पर चिंता प्रकट करते हुए एक खबर का प्रकाशन किया है। खबर में लिखा गया है कि पर्यावरण सुरक्षा को लेकर वन विभाग ने जाधव सागर से लेकर कर्बला तक हजारो पेड लगाए थे,वह वह बडे बडे भी हो गए थे,इन पेड़ों की सुरक्षा को लेकर बाउंड्री वाल भी बनाई थी,लेकिन उसके बाद इन पेड़ों को लावारिस छोड़ दिया इस कारण इनकी कटाई शुरू हो गई,वन विभाग की उपेक्षा के कारण बाउंड्री वॉल को भी लोग भर ले गए अब यह पेड़ नहीं है और केवल पेड़ के अवशेष शेष है।

इस  नर्सरी को लेकर वन विभाग और रेवेन्यू के बीच पेंच उलझा हुआ है। चूंकि यह जमीन रेवेन्यू की है, परंतु पर्यावरण संरक्षण के लिए कई दशक पहले यहां पौधरोपण वन विभाग ने किया था, परंतु बाद में यह भूमि वन विभाग के पजेशन से मुक्त हो गई। ऐसे में अब वन विभाग इस नर्सरी की ओर कोई ध्यान नहीं देता है, क्योंकि जमीन उनकी नहीं है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी इसे जंगल का हिस्सा मानकर इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस कारण इस ओर कोई ध्यान भी नहीं दे रहा है। इसी का लाभ खनन माफिया भी धड़ल्ले से उठाते हैं और यहां मुरम व पत्थर का खनन भी चोरी छिपे किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पेड़ों की कटाई के साथ-साथ पत्थर चोरी हो रहा है।


दैनिक भास्कर  समाचार पत्र ने भी अपनी लीड खबर में पर्यावरण को स्थान दिया है,भास्कर ने लिखा है कि गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है कि लेकिन दिनारा के तालाब को अतिक्रमण मुक्त अभी तक नहीं किया जा सका है। भास्कर ने लिखा है कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत नदियों और तालाबों से अवैध अतिक्रमण हटाने की कवायद चल रही है। पहली बार प्रशासन की वजह से जल संसाधन विभाग ने दिनारा तालाब की सुध ली है। 450 बीघा से भी ज्यादा क्षेत्रफल में फैले इस तालाब में करीब 200 बीघा में अवैध खेती हो रही है। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी शनिवार को दिनारा पहुंचे तो तालाब पर मौजूदा समय में ही अवैध खेती पाई।

कलेक्टर ने तालाब की जमीन पर हो रही अवैध खेती को लेकर जल संसाधन विभाग को पूरी जांच कर रिपोर्ट तलब की है। साथ ही संबंधितों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। दिनारा तालाब से पहले प्रशासन ने विलुप्त हो रहे भुजरिया तालाब की सुध ली है। अवैध मकान बनाकर लोगों ने घरों के सीवर टैंकर के पाइप तालाब में जोड़ दिए हैं। स्टेट कालीन मनिपर तालाब पर अभी तक किसी की नजर नहीं गई है। शहर से 8 किमी दूर रायचंद खेड़ी तालाब भी लगातार उपेक्षित है। जल संसाधन विभाग की अनदेखी की वजह से लोग यहां हर साल अवैध खेती करते आ रहे हैं। कोलारस के रामनगर तालाब पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा गया है कि रामनगर तालाब के सर्वे नंबर 325 पर अवैध रूप से खेती हो रही है,इस तालाब को भी अतिक्रमण से मुक्त नहीं किया गया है वही भास्कर ने करैरा के आईटीबीपी में पदस्थ मेस कमांडर विनोद कुमार की हार्टअटैक से मौत की खबर का प्रकाशन किया है।

पत्रिका:पत्रिका समाचार पत्र ने शहर की सडको पर चलने से आमजन की परेशानी को उजागर किया है। खबर में लिखा गया है कि डेढ करोड खर्च के बाद भी शहर की की सडको पर सज रही है फल व थोक सब्जी मंडी,इससे शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है और लोगों को निकलने में परेशानी हो रही है।

शहर के मुख्य बाजार कोर्ट रोड पर हर रोज सुबह फलों की मंडी पूरी सड़क पर लगती है, जिसके चलते सुबह घूमने वालों से लेकर कोचिंग-ट्यूशन जाने वाले बच्चे परेशान होते हैं। कुछ ऐसे ही हालात गांधी पार्क मानस भवन के पास सजने वाली थोक सब्जी मंडी की वजह से बनते हैं तथा यहां पर तो सुबह 11 बजे तक आवागमन बाधित रहता है। यह हालात तब है, जबकि दोनों मंडियों को 7 साल पहले ही शहर से दूर 1.60 करोड़ रुपए की लागत से बना दिया गया, तथा उनका भूमिपूजन भी वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था,पपत्रिका ने लिखा है कि नियमित रूप से नई मंडी चालू होने से वह खंडहर में तब्दील हो रही है और वहा जाने का मार्ग भी उबड खाबड हो रहा है। सब्जी मंडी की टीनशेड टूट चुकी है,इस मंडी का 2017 मे भूमिपूजन हुआ था और इसकी लागत थी 1060 करोड़ रूपए।

वही पत्रिका ने अपनी एक और एक्सक्सिव खबर में शिवपुरी के लॉ कॉलेज को स्थान दिया है। इस खबर के अनुसार शिवपुरी के पीजी कॉलेज में 1969 से लॉ-संकाय के रूप में चल रहा है, जहां से तीन वर्षीय लॉ कोर्स छात्र-छात्राएं करती हैं। वर्ष 2015 से शिवपुरी में अलग से लॉ कॉलेज बनाने के साथ ही उसे बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) ने 509 कोड दिया है।

 लॉ कॉलेज शिवपुरी में 8 प्रोफेसर हैं, इनमें से चार प्रोफेसर लॉ कॉलेज में दर्ज हैं, जबकि चार प्रोफेसर पीजी कॉलेज में नियुक्त हैं, इनमें शामिल लॉ- प्रोफेसर महेंद्र जाटव वर्तमान में पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल हैं। नियमानुसार लॉ कॉलेज का स्टाफ भी अलग होना चाहिए, तथा विद्यार्थियों को भी 509 डाइस कोड वाले लॉ कॉलेज में प्रवेश दिया जाना चाहिए। जबकि लॉ के विद्यार्थियों को अभी भी पीजी कॉलेज के 501 डाइस कोड में ही प्रवेश दिया जा रहा है।

प्राचार्य की पीएचडी व नियुक्ति भी विवादित

पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य महेंद्र जाटव ने जिस कॉलेज से पीएचडी करना बताया है, वहां पर वो महज 12 दिन ही उपस्थित रहे, क्योंकि उन्होंने कॉलेज से केवल 12 दिन की ही छुट्टी ली हैं। साथ ही उनकी पीएचडी के बाद प्रोवेशनल पीरियड में ही प्रभारी प्राचार्य पीजी कॉलेज शिवपुरी के बन गए, जबकि उनसे 16 सीनियर प्रोफेसर पहले से कॉलेज में हैं।

बीसीआई में अभी पीजी कॉलेज ही दर्ज

लॉ-कॉलेज को अलग डाइस- कोड तो दिया है, पर बीसीआई में यह पीजी कॉलेज के नाम से ही दर्ज है। लगातार दो चुनाव की आचार संहिता की वजह से प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब अलग से कॉलेज बिल्डिंग के लिए जगह 18वीं बटालियन के पास देने के साथ ही 7.50 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है, जिसका रिवाइज स्टीमेट 12 करोड़ का भेजा है। - दिग्विजय सिंह सिकरवार, एचओडी, लॉ कॉलेज

इसके अतिरिक्त वायरल वीडियो वाले तेदुंआ का बकरियों का शिकार,बदरवास थाना सीमा में घर में घुसकर विवाहिता का बलात्कार,रात्रि की कॉम्बिंग गश्त में 81 वारंटी पकड़े,शिवपुरी की सभी प्रिंट मीडिया ने प्रकाशित की है।