शिवपुरी। पिछोर जिले की पिछोर जनपद पंचायत पिछले कई महीनों से भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं का केंद्र बनती जा रही है अभी तक तो आचार संहिता के नाम पर हीलाहवाली चलती रही पर अब विरोध के स्वर मुखर होते नजर आ रहे हैं जिससे जनप्रतिनिधि से लेकर कर्मचारी सचिव संघ आदि अवस्थाओं और जनपद कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी पर पर कार्यालय की तालाबंदी और आंदोलन पर उतर आए हैं।
वे खुलकर जनपद सीईओ सृष्टि भदोरिया से सवाल जवाब करते नजर आ रहे हैं वैसे भी सीईओ सृष्टि भदौरिया पर जनपद स्तर के कर्मचारियों, सचिवों तथा ग्राम रोजगार सहायकों को परेशान करने के आरोप लंबे समय से लग रहे हैं सचिव तथा रोजगार सहायक संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि सीईओ सृष्टि भदौरिया कार्यालय पिछोर में कभी नहीं आती जब कभी मुंह दिखाई जरूर कर दिया करती हैं फिर चाहे निर्वाचन तत्काल हो,नमामि गंगे योजना हो या जल गंगा संवर्धन या स्कूल चलो अभियान हो जनपद अध्यक्ष से लेकर जनपद सदस्य, सरपंच,पंच या सचिव, रोजगार सचिव या अन्य कोई जनप्रतिनिधि समस्या लेकर या तो शिवपुरी उनके घर ही जाना पडता है।
सीईओ बगैर रिश्वत लिए किसी भी सरपंच की कोई भी फाइल साइन नहीं कर रहीं हैं उक्त सीईओ से परेशान होकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार को जनपद पंचायत पिछोर कार्यालय में ताला बंदी का निर्णय लिया है जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ सचिव, ग्राम रोजगार सहायक और जनपद के कुछ कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं सीईओ श्रृष्टि भदौरिया के पिछोर जनपद में पदस्थ होने से उनके द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है फिर चाहे मनरेगा में सामग्री का भुगतान हो या विधायक निधि, सांसद निधि या अन्य किसी मद से स्वीकृत किसी काम का मांग पत्र हो या जनपद स्तर से स्वीकृत कोई कार्य हो या मनरेगा में कोई कार्य स्वीकृत होना हो इन सभी कामों में 8 से 10% कमीशन मांगा जाता है।
कई सरपंचों के भुगतान न होने से निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं जबकि भुगतान के लिए विधायक निधि देने वाले विधायक कई बार भुगतान करने के लिए कह चुके हैं वही कार्यालय में मूलभूत सुविधाएं देखी जाए तो न तो पीने के लिए शुद्ध पानी है और न शौचालयों की साफ-सफाई जबकि सीईओ लगातार साफ-सफाई के नाम पर भुगतान निकलवा रहीं हैं शासन के आदेशानुसार सचिवों, ग्राम रोजगार सहायकों, जनपद के कर्मचारियों का वेतन प्रतिमाह की एक तारीख से पांच तारीख तक मिल जाना चाहिए परंतु सीईओ अपनी हठधर्मिता के कारण जानबूझकर 25-30 तारीख तक भुगतान करतीं हैं उसमें भी कई कर्मचारियों का वेतन रोक देतीं हैं, जिससे कर्मचारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कामताबाई लोधी कहती है कि उक्त सीईओ ने पिछोर जनपद का प्रभार लेते ही जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करना प्रारंभ कर दिया था जो अभी भी जारी है, कई सरपंचों का मुझसे कहना है कि हमारे काम सीईओ भदौरिया स्वीकृत नहीं कर रहीं हैं जबकि जिले से स्वीकृति मिल गई है सीईओ के विरुद्ध हमने जिला पंचायत की सामान्य सभा में निंदा प्रस्ताव रखा था जिसे जिला सीईओ उमराव सिंह मरावी के हस्तक्षेप के कारण बापिस ले लिया था उनके द्वारा आश्वासन दिया था कि सीईओ सही से काम करेंगी और कर्मचारियों को भी परेशान नहीं करेंगी।
इसके बाद भी यही ढर्रा चल रहा है न सीईओ सरपंचों की सुन रहीं हैं और न हितग्राहियों की इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक को अवगत करा चुके हैं और कई बार जिला पंचायत सीईओ को लेकिन हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं अब मंगलवार को जनपद पंचायत पिछोर कार्यालय में ताला बंदी करेंगे, तब तक भ्रष्ट सीईओ को नहीं हटा देते तब तक आंदोलन जारी रहेगा,
जल गंगा संवर्धन अभियान में जनपद सीईओ रही नदारद
आपको बता दें कि जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि इन दिनों चल रही मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजना नमामि गंगे अभियान एवं जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर 05 से 16 जून तक नदी,नाले, कुंआ, बावड़ी, तालाब आदि की साफ-सफाई के साथ साथ मरम्मत कार्य भी कराए जाने थे लेकिन सीईओ लगातार उक्त आयोजनों से नदारद रहीं, जिस कारण उक्त अभियान मात्र फोटोग्राफी तक ही सीमित रह गया, अभी तक सीईओ ने किसी भी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया और न किसी काम को मॉनिटर किया, सरपंच सचिवों ने अपने स्तर पर ही उक्त अभियान को मूर्त रूप दिया।
जनपद परिसर में ही सूख रहे हैं पेड़ हो रहे बिना अनुमति निर्माण कार्य पिछोर जनपद में मंदिर के पास लगे पेड़ सूखते दिख रहे हैं कार्यालय में चारों ओर गंदगी फैली दिख रही है वही कई निर्माण कार्य जनपद प्रांगण में बिना किसी परमिशन के होते दिखाई दे रहे हैं जबकि पानी का और साफ सफाई के नाम पर हजारों रुपए का भुगतान सीईओ द्वारा किया जा चुका है।
इनका कहना है
सीईओ सृष्टि भदोरिया ने हम सभी सचिवों को बहुत परेशान कर रखा है, हमारे द्वारा लगातार शासन की मंशा अनुरूप कार्य किया जा रहा है फिर भी वेतन समय पर नहीं दिया जाता है, निर्धारित समय पर वेतन न देकर 20-25 दिन विलंब से वेतन दी जाती है तो उसमें से 10-15 लोगों की वेतन रोक ली जाती है, सीईओ से कोई भी शासन की योजना या जनहित का काम करना हो तो मिलती नहीं है और फोन लगाने पर फोन भी नहीं उठाती जिस कारण हम काम नहीं कर पा रहे हैं वही उनका वार्तालाप और व्यवहार कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों से भी ठीक नहीं है।
हमने इस संबंध में जिला सीईओ से कई बार निवेदन पूर्वक समस्या बता दी अब तो सीईओ यहां तक मनमानी पर उतारू हो गई है कि जो सचिव उनके अनुसार न चले तो उसका प्रभार किसी और को यह लिखकर जिले से हटवा देतीं हैं कि उक्त सचिव मानसिक रूप से कमजोर है इस प्रकार हम सचिवों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, हमें सूचना मिली है कि मंगलवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जनपद पंचायत कार्यालय में ताला बंदी की जा रही है तो उसमें हम भी शामिल रहेंगे। अशोक मिश्रा, ब्लॉक अध्यक्ष पंचायत सचिव संगठन जनपद पिछोर