निशांत प्रजापति नरवर। शिवपुरी जिले का नरवर नगर इस संभाग का सबसे प्राचीन नगर माना जाता है। राजा नल की कहानियां युगो पुरानी बताई जाती है। शिवपुरी जिला बनने से पूर्व नरवर जिला घोषित था,कुल मिलाकर अपने आंचल में विराट इतिहास को सजौकर रखने वाले नरवर में 70 साल बाद जल समाधि से शिवलिंग बाहर निकला है,इस कारण इस शिवलिंग के दर्शन करने आमजन जा रह है,क्षेत्र के लोगों का कहना है कि व्यक्ति अपने जीवन काल में इस शिवलिंग के एक ही बार दर्शन कर पाता है।
नरवर से 20 किलोमीटर पूर्व की दिशा नरवर-करैरा रोड पर बडैरा चौराहे से उत्तर दिशा में स्थित ग्राम पंचायत कालीपहाडी गांव से 2 किलोमीटर दूर से सिंध नदी गुजरती है। इस नदी से पानी इस स्थान पर प्रकृति ने कुंड का निर्माण किया है इस कुंड को कालेदोऔ के नाम से जाना जाता है।
इस कुंड में हमेशा पानी भरा रहता है,इस कुंड की गहराई लगभग 60 फुट गहरा है,बीते साल पानी कम बरसने के कारण यह कुंड में पानी कम हो गया था,वही इस कुंड के पास खेतो में धान की खेती होने के कारण किसान भी इस कुंड से पानी की मोटर लगा लेते है,इस बार भी ऐसा हुआ है किसानों ने इस कुंड से पानी को लिफ्ट कराया है,जिससे इस कुंड में पानी कम हो गया और इस कुंड के बीच बिराजे धार महादेव के नाम जाने वाले महादेव का शिवलिंग अब दिखाई देने लगा है।
अमूमन हर साल इस शिवलिंग की दिसंबर-जनवरी के माह मे कुंड बीचो बीच विराजमान इस शिवलिंग की 1 फुट की चोटी दर्शन होते थे,लेकिन इस साल गर्मी अधिक पढने और बीते साल औसत से कम होने के कारण कुंड का पानी उतर गया और इसमे विराजमान धार महादेव के दर्शन होने लगे है। धार महादेव के नाम से जाने वाला यह शिवलिंग लगभग 5 फीट है और इसका व्यास 4 फुट का है।
शिवलिंग की जल समाधि के बाद पूजा शुरू
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व यह शिवलिंग लगभग 70 साल पूर्व दिखाई दिया था। इस शिवलिंग की जल समाधि से बाहर आने के बाद इस क्षेत्र का आमजन दर्शन करने के लिए पहुंच रहा है। बीते रोज इस शिवलिंग का विधि विधान से जलाभिषेक किया गया था,इसके बाद विशाल भंडारा प्रसादी का कार्यक्रम किया गया।
जीवन मे एक बार दर्शन
कालीपहाडी गांव मे रहने वाले अरविंद सोलंकी उम्र 40 साल ने बताया कि हमने इस शिवलिंग के पहली बार दर्शन किए है। हमारे पूर्वज बताते है कि यह शिवलिंग आज से पूर्व 70 साल पहले पानी से बहार आया था। मैंने इस शिवलिंग की केवल चोटी चोटी ही देखी थी,इस बार पूरे प्रकट हो गए है धार महादेव इसलिए हम सब ग्रामीण उनकी सेवा में लगे है और निवेदन कर रहे है कि है भोलेनाथ आप जल्दी से जलसमाधि ले लो जिससे यह कुंड पूरा भर जाए,हमारी फसलों-पशुओं और पक्षियों के लिए यह आपका यह अमृत रूपी जल काम का सके।