SHIVPURI NEWS - प्रशासनिक अमले पर पथराव, मूक बनकर देखती रही पुलिस-24 घंटे बाद भी FIR नहीं

Bhopal Samachar

बैराड। बैराड़ कस्बे में मंगलवार को प्रशासनिक अमले ने सीएम राइज स्कूल के लिए आवंटित शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया। अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर अतिक्रमणकारियों ने पथराव कर दिया। इस हमले में अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस को भी भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी,इस मामले को 24 घंटे गुजर चुके है लेकिन अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है,पथराव की वीडियो भी वायरल होने की खबर है।


जैसा कि विदित है कि बैराड़ में सीएम राइज स्कूल स्वीकृत किया गया है। इस स्कूल के लिए भूमि आवंटन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र क्रमांक/ सीएम राईज/2024/2797/शिवपुरी/ दिनांक 07 जून 2024 के क्रम पटवारी हल्का कालामढ़ के शासकीय सर्वे नंबर 668 को उक्त स्कूल के लिए आवंटित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।

इसी क्रम में मंगलवार को पोहरी एसडीएम मोतीलाल अहिरवार और बैराड़ तहसीलदार दृगपाल सिंह वैश्य एवं नगर परिषद सीएमओ महेश चंद्र जाटव अपने अमले और पुलिस फोर्स के साथ इस जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई जा रही कालोनी पर कार्रवाई करने के लिए पहुंचे। दोपहर 1:00 बजे दो हिटैची के साथ कार्रवाई शुरू की गई।

करीब 04 घंटे तक की गई कार्रवाई के उपरांत अचानक अतिक्रामकों ने एक राय होकर प्रशासनिक अमले पर हमला कर दिया। हालात यह बने कि अधिकारियों और राजस्व संहित नगर परिषद के अमले के साथ-साथ पुलिस को भी मौके से भाग कर जान बचानी पड़ी,बताया जा रहा है कि बैराड तहसीलदार ओर सीएमओ बैराड़ थाने मे मामला दर्ज कराने गए थे लेकिन एक घंटे तक मामला दर्ज नहीं किया गया।

माफियाओं का इतना प्रेशर आ गया कि अधिकारी केवल आवेदन देकर ही चले आए। वही इस मामले को कवर कर रहे एक पत्रकार माखन धाकड घायल हुआ है उसका मोबाइल भी टूटा है पत्रकार ने भी पुलिस को आवेदन दिया है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का मामला दर्ज नहीं किया गया है। इस मामले में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए एसडीएम पोहरी मोतीलाल अहिरवार से संपर्क किया तो उन्होंने मामला सुनने के बाद फोन कट कर दिया। वही पोहरी तहसीलदार दुर्गलाल वैश्य से संपर्क करने का प्रयास तो संपर्क नहीं हो सका,मैसेज भेजा गया तो रिप्लाई में आया कार्यवाही के लिए थाना बैराड़ को पत्र भेजा है।

पुलिस का फेलियर

अगर प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो इस कार्रवाई के दौरान मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात की गई पुलिस पूरी कार्रवाई के दौरान मूक दर्शक की भूमिका में खड़ी रही। इसी का लाभ अतिक्रामकों ने उठाया और सभी एक जगह पर एकत्रित होते चले गए। इसी दौरान जब अतिकामकों ने भीड़ की शक्ल ले ली तो षड्यंत्र पूर्वक एक राय होकर प्रशासनिक अमले पर पथराव करना शुरू कर दिया।

अगर पुलिस लोगों को एक जगह पर एकत्रित होकर भीड़ का स्वरूप नहीं लेने देती तो शायद अतिक्रामक इस तरह से अमले पर हमला नहीं कर पाते। इस हमले को पुलिस और प्रशासन के इंटेलीजेंस का भी फेल्युअर माना जा रहा है।