लगभग 4 करोड़ साल पहले राजा भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे। तब से लेकर अब तक गंगा के वाटर सप्लाई सिस्टम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है लेकिन शिवपुरी की सिंध नदी पर स्थित मडीखेडा जलावर्धन योजना 4 महीने भी ठीक से काम नहीं करती। कहा था कि सिंध का पानी, शिवपुरी के जल संकट का परमानेंट सॉल्यूशन है परंतु अब प्रोजेक्ट में जल संकट चल रहा है। इसका एक टेंपरेरी सॉल्यूशन सामने आया है। जल निगम ने शिवपुरी नगर पालिका के सामने बार्टर डील का प्रपोजल रखा है।
जल निगम का कहना है कि, उनके प्लांट में 97 एमएलडी पानी है जबकि उन्हें अगले 10 साल तक केवल 72 एमएलडी पानी की जरूरत है। यानी उनके पास में 20 एमएलडी पानी एक्स्ट्रा है। उनके पास प्लांट तक इलेक्ट्रिसिटी लाइन नहीं है। अपनी लाइन बिछाने के लिए 10 करोड रुपए का खर्चा आ रहा है। निगम के पास इतना पैसा नहीं है। यदि नगर पालिका अपनी इलेक्ट्रिसिटी लाइन उनके साथ शेयर करने के लिए तैयार है तो वह अपने प्लांट में पड़ा हुआ एक्सट्रा 20 एमएलडी पानी शिवपुरी नगर पालिका को दे देंगे।
डा. केएस सगर, सीएमओ, शिवपुरी नगर पालिका का कहना है कि, निगम की तरफ से अभी सिर्फ वन-टू-वन डिस्कशन हुआ है। हमने उनसे डिटेल प्रपोजल मांगा है। उनका प्रपोजल मिलने के बाद उसे PIC में रखा जाएगा।
कुल मिलाकर समस्या का एक तात्कालिक समाधान मिला है। यह परमानेंट नहीं है परंतु फिलहाल पानी मिल जाएगा, लेकिन इस फिलहाल का मतलब कितने दिन है, यह शिवपुरी नगर पालिका की पॉलिटिक्स ही तय करेगी।