शिवपुरी। 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन में किस तरह से शिक्षक जल्दबाजी करते हैं इसकी नजीर तब देखने को मिली जब विद्यार्थियों की आपत्तियों के बाद उनकी कॉपियों का मूल्यांकन किया गया। जिसमें एक, दो या 10 नंबर नहीं पूरे 51 नंबर तक विद्यार्थियों के बढ़ गए।
खास बात यह रही कि अकेले विज्ञान विषय में ऐसा नहीं हुआ बल्कि अंग्रेजी, गणित और अकाउंट जैसे विषयों में भी विद्यार्थियों की कॉपियों में हुए पुनर्मूल्यांकन से नंबरों में इजाफा हुआ। अब मूल्यांकनकर्ता शिक्षक के साथ-साथ डिप्टी, हेड और जिला मूल्यांकन अधिकारी इन तीनों के खातों से हर एक नंबर बढ़ने के 100 रुपए कटेंगे।
यानि किसी विद्यार्थी की कॉपी में यदि 51 नंबर तक बढ़े हैं तो तीनों के खातों से अलग-अलग 5100-5100 रुपए की दंडात्मक कटौती होगी। दरअसल इस बार बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों के अंकों को जिला स्तर से ही कंप्यूटर में ऑनलाइन फीड किया गया है। लेकिन कॉपियों में जो नंबर चढ़कर आए हैं उनकी काउंटिंग गलत कर दी गई, फिर मूल्यांकनकर्ता शिक्षक की स्कोर शीट को बिना देखे ही डिप्टी ने अंकों को ऑनलाइन फीड करने कंप्यूटर ऑपरेटर के पास भेज दिया।
अंकों में गड़बड़ी के कारण कई विद्यार्थी फैल हो गए। इसके बाद विद्यार्थियों ने अतिरिक्त फीस जमा कर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया तो उसमें कई विद्यार्थी पास हो गए। कक्षा 12 की 698 कॉपियां और कक्षा 10 में 287 कॉपी पुनर्मूल्यांकन के लिए आईं। इनमें से 34 कॉपी में विद्यार्थियों के अंक बढ़े हैं।
प्रति अंक 100 रुपए की कटौती होगी
माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र भोपाल से जिन कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के हमें निर्देश मिले थे वह तो हमने करा लिया है, और कॉपियों को बोर्ड भी भेज दिया है। जिन शिक्षकों की कॉपियों में अंकों की कमी मिली है उनके प्रति अंक बढ़ने पर 100 रुपए की कटौती होगी। इसमें डिप्टी के साथ जिला मूल्यांकन अधिकारी तक शामिल रहते हैं। -
विवेक श्रीवास्तव, जिला मूल्यांकन अधिकारी, उत्कृष्ट विद्यालय शिवपुरी