SHIVPURI HEADLINES - शिक्षकों की मनरेगा मजदूरी: भास्कर, भाजपा नेता की मां 4 लाख के पेड़ खा गई: नई दुनिया और पत्रिका में मगरमच्छ के अंडे

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले के प्रमुख समाचार पत्रों ने अपनी लीड खबरों पर अलग अलग विषयों पर प्रकाशन किया है। भास्कर ने पंचायत के भ्रष्टाचार को उजागर किया है तो वही पत्रिका ने शहर में मगरमच्छों की बढती जनसंख्या पर फोकस किया है। नई दुनिया ने पर्यावरण की चिंता करते हुए कोलारस में जमीन से गायब हुए पेडो की खबर का प्रकाशन किया है। वही तेंदुआ फैमिली की खबर का प्रकाशन शिवपुरी जिले के मीडिया ने किया है।

रोजगार गारंटी में फर्जीवाड़ा: अतिथि शिक्षकों को मनरेगा में मजदूर बता निकाला पैसा: शिवुपरी भास्कर 

शिवुपरी भास्कर में आज की लीड खबर में पंचायतो में मनरेगा की मजूदरी में भष्टाचार को उजागर करते हुए लिखा है कि रोजगार गारंटी में फर्जीवाड़ा: अतिथि शिक्षकों को मनरेगा में मजदूर बता निकाला पैसा। खबर सीधा आशय है कि जिले की कोलारस और बदरवास जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत चल रहे कामों में फर्जीवाड़ा चल रहा है। सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों के नाम पर भी मनरेगा के तहत चल रहे कामों का पैसा निकाल लिया। अतिथि शिक्षकों को जिन महीनों में स्कूल शिक्षा विभाग से मानदेय जारी हुआ, उन्हीं महीनों में अतिथि शिक्षकों को ग्राम पंचायतों में मजदूर बताकर पैसा निकाला गया है। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार की मिलीभगत से मनरेगा के कामों में फर्जीवाड़ा चल रहा है।

कोलारस जनपद की ग्राम पंचायत विजरावन, सेसई खुर्द और बदरवास की सड़बड़, कुटवारा, तिलातिली, बिजरौनी सहित अन्य ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत अतिथि शिक्षकों को रिकार्ड में मजदूर बताकर राशि का भुगतान किया गया है। इससे साबित होता है कि ग्राम पंचायतों में गरीबों को रोजगार की गारंटी के नाम पर सिर्फ दिखावा चल रहा है। मशीनों से काम कराकर मजदूरों के नाम से भुगतान निकाला जा रहा है। जिला पंचायत से लेकर जनपद स्तर के अधिकारी व स्टाफ द्वारा मॉनिटरिंग नहीं की जाती। इस कारण ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत फर्जीवाड़ा चल रहा है।

शहर में  फिर बढ जाएँगे 500 मगरमच्छ: शिवपुरी पत्रिका 

पात्रिका। शिवपुरी पत्रिका में आज मगरमच्छ के विषय को लेकर अपनी लीड खबर को बनाया है। इस आधे पेज की खबर में फिर बढ जाएँगे शहर में 500 मगरमच्छ। इस खबर का आशय हैं कि शहर में एक बार फिर पांच सैकड़ा मगरमच्छों की आबादी बढ़ने वाली है, क्योंकि जाधव सागर तालाब के पास स्थित नाले के दोनों किनारों पर अंडे फूटकर उनमें से बच्चे निकलना शुरू हो गए। वर्तमान में चांदपाठा व भुजरिया तालाब के अलावा शहर के नालों में लगभग दो हजार छोटे-बड़े मगरमच्छ मौजूद हैं।

जाधव सागर के पास स्थित बारादरी के पास बने सिंघाड़ा करने वालों के खेत की मेढ़ से नाले की पार पर, हर दस कदम पर नाले के किनारे किए गए मिट्टी के गड्ढे में सफेद फूटे अंडे तो कुछ साबुत अंडे नजर आए। लगभग 500 मीटर लंबे इस नाले के दोनों किनारों पर आधा सैकड़ा से अधिक मिट्टी के घरोंदों में मादा मगरमच्छों ने अंडे दिए हैं, जो अब फूटने लगे हैं तथा उनमें से निकलने वाले बच्चे मिट्टी में से लुढ़कते हुए नाले के गंदे पानी में कूद रहे हैं। अपने घरोंदों के आसपास मादा मगरमच्छ भी घूमती रहती है।

खबर में प्रकाशित किया है कि दो हजार से अधिक मगरमच्छ है शहर के तालाब और झील में हालकि मगरमच्छ की जनसंख्या का अधिकृत आंकड़ा किसी के पास नहीं है,लेकिन अनुमान लगाया जाता हे कि इतनी संख्या हो सकती है,मानसून काल में यह मगरमच्छ शहर के नाले से भ्रमण करते हुए आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते है। इन मगरमच्छ को लेकर शिवपुरी के पर्यटन को लेकर क्रोकोडाइल सेंचुरी का प्लान बनाया था लेकिन उस पर आगे काम नहीं हुआ है,शिवपुरी के पर्यटन की संख्या बढ़ाने में मगरमच्छ उपयोगी हो सकते है लेकिन इस योजना पर काम नहीं हुआ है। वही खबर में चिंता जाहिर की है अगर नाला पक्का हो जाता है तो मगरमच्छ अंडे देने कहां जाएंगे,क्योंकि नाले का 1.35 करोड़ का टेंडर हो गया है और यह अब पक्का हो जाएगा तो मगरमच्छ अंडे देने कहां जाऐगें।

नईदुनिया:कोलारस जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत खरई में पर्यावरण संरक्षण के नाम पर वहां के भाजपा मंडल अध्यक्ष की मां के द्वारा सरकारी अमले के साथ सांठगांठ कर चार लाख रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आया है। उन्होंने हनुमान मंदिर पर पौधरोपण के नाम पर चार लाख रुपये का आहरण कर लिया लेकिन एक भी पौधा घरातल पर नहीं रोपा गया। चार लाख रुपये के पौधे सिर्फ कागजों में ही रोप कर पर्यावरण संरक्षण किया गया।

उल्लेखनीय है कि भाजपा खरई मंडल अध्यक्ष कुबेर धाकड़ की मां भवूती वाई ग्राम पंचायत खरई की सरपंच हैं। उन्होंने वर्ष 2022-23 में खरई के हनुमान मंदिर पर पौधरोपण के नाम पर 4 लाख 11 हजार रुपये का आहरण पंचायत से किया, परंतु इस राशि में से एक भी पौधा घरातल पर नहीं रोका गया। इसके बावजूद जनपद के सब इंजीनियर, पंचायत सचिव ने कागजों में पौधरोपण दशांकर पर्यावरण संरक्षण कर डाला। मामले की शिकायत जनपद के अधिकारियों को दर्ज कराई गई है, जिस पर यह मामला अब चर्चाओं का वायस बना हुआ है। इसके अतिरिक्त   मामला सार्वजनिक होने के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे है।