इतिहास गवाह है कि यदि नेता सही हो तो अफीम के नशे में डूबे हुए भूख से तड़पते लोगों का देश, कुछ ही सालों में दुनिया का सबसे बड़ा आकर्षण सिंगापुर बन जाता है और यदि नेता गलत हो तो दुनिया भर को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ने वाला राज्य सबसे ज्यादा निर्धन और बेरोजगार नागरिकों का "बिहार" बन जाता है। ऐसा ही कुछ शिवपुरी के बारे में भी कहा जा सकता है। हमारा नेता फाइव स्टार लेकिन हमारा शहर "खैराती धर्मशाला" सा लगता है।
मध्य प्रदेश के दूसरे शहरों में जब एमपीपीएससी क्रैक करने वाले उम्मीदवारों के स्वागत हो रहे हैं हम शिवपुरी के लोग पानी के लिए तड़प रहे हैं।
- सरकार झुकने ही वाली थी लेकिन जल सत्याग्रह बंद कर दिया, यशोधरा के कारण।
- अधिकारियों की जल आवर्धन योजना पर विश्वास कर लिया, यशोधरा के कारण।
- जिसको झगड़ा करने के अलावा कुछ नहीं आता, उसको नगर पालिका अध्यक्ष चुन लिया, यशोधरा के कारण।
- जो लोगों के फोन नहीं उठाता, जिसके कारण वन मंत्री तक परेशान हो गए हैं, उसको विधायक चुन लिया, यशोधरा के कारण।
- 1994 में जब यशोधरा राजे पहली बार शिवपुरी में राजनीति करने आई थी तब भी शिवपुरी में जल संकट था और आज 33 साल बाद 2024 में भी शिवपुरी में जल संकट बना हुआ है। लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, यशोधरा के कारण।
एक शिवराज सिंह चौहान है,
जिनके परिश्रम के कारण मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी, इसके बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सक्रियता बनाए रखी। नतीजा, लोकसभा का टिकट मिला। केंद्रीय कृषि मंत्री बनाए गए। भारत सरकार के पांच सबसे पावरफुल मंत्रियों में से एक बन गए हैं। आज जब लौट कर आए तो, मुरैना से भोपाल तक हर कदम और हर मिनट पर स्वागत हो रहा है।
एक यशोधरा राजे सिंधिया है,
विधानसभा का चुनाव क्या छूट गया, शिवपुरी को लावारिस छोड़ दिया। जिस शिवपुरी ने यशोधरा को पहचान दी, उसकी तरफ मुड़कर भी नहीं देख रहीं। विधायक नहीं है तो क्या शिवपुरी के प्रति कर्तव्य खत्म हो जाते हैं। सुमित्रा ताई को देखो, आज भी इंदौर के लिए काम कर रही हैं। ताई के चेहरे के भाव भर बदलते हैं तो कैलाश विजयवर्गीय और शंकर लालवानी से लेकर पुष्यमित्र भार्गव तक सावधान की मुद्रा में आ जाते हैं।
सरल सीधी बात, प्यासी शिवपुरी तड़प रही है। सबको पता है, यशोधरा राजे इतनी बीमार नहीं है कि, शिवपुरी तक नहीं आ सकतीं। जिसको नगर पालिका अध्यक्ष बनवाया है, उसके कान पकड़ो और प्रॉब्लम सॉल्व करवाओ। आपके कहने पर वोट दिया है, जो करना हो करो लेकिन हमको पानी दिलवाओ। यदि पानी नहीं दिलवा सकतीं तो नगर पालिका अध्यक्ष का इस्तीफा दिलवाओ। हर बार वोट दिए, हर बार विधायक बनाया, आपने जिसको कहा उसको नगर पालिका अध्यक्ष बनाया। कम से कम एक प्रॉब्लम तो सॉल्व कर दीजिए। कुछ तो ऐसा कीजिए, ताकि इतिहास में आपका उल्लेख किया जा सके।