कोलारस। मप्र सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जनसंख्या स्थिरीकरण के एक योजना शुरू की थी,लेकिन लापरवाही का ब्रांड बन चुके स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना को कागजों में दौड़ा दिया और इसका जीता जागता उदाहरण अस्पताल ही छत पर मिल रहा है। इस योजना के तहत पहल किट नवदंपत्ति को बांटी जानी थी,यह किट केवल कागजों में बांटी गई है और कीटों को अस्पताल की छत पर इस तपती धूप में झुलसने को फेंक दिया।
यह है सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
बता दें कि सरकार ने जनसंख्या स्थिरीकरण एवं सीमित परिवार के लिए "पहल किट" बांटने की लिए बनवाई थी। इस किट में बधाई पत्र जूट का बैग, विवाह पंजीकरण फार्म, जागरूकता पम्पलेट, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, गर्भ जांच किट, अलंकरण स्वच्छता बैग रखा गया है। सरकार ने पहल किट योजना के जरिए दो बच्चों तक परिवार सीमित रखने के लिए नवाचार को शुरू किया था।
इस कीट को बांटने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को दी गई थी। जहां इन आशा कार्यकर्ताओं को शादी के 7 दिन पहले या फिर शादी के साथ दिन बाद नवदंपति तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके लिए आशा को प्रोत्साहन राशि भी देना तय हुआ था।
जिम्मेदारों ने लगा दिया योजना पर पलीता
लेकिन जिला मुख्यालय से कोलारस स्वास्थ्य केंद्र को बांटने के लिए सौंपी गई पहल किट को कोलारस के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े जिम्मेदारों के द्वारा लापरवाही पूर्वक छत पर खराब होने के लिए रख दिया गया। इस मामले में सीबीएमओ सुनील खंडेलिया का कहना था कि फिलहाल शादियां अभी नहीं हो रही है इसके चलते उन कीटों को छत पर सुरक्षित रखा गया है।
बता दें की सीबीएमओ यह भूल गए कि इतनी तेज गर्मी के बीच पहल किट कैसे सुरक्षित रह सकती है। माना जा रहा है कि जो किट को अस्पताल की छत पर रखा गया है। वह किट उन नव दंपतियों तक पहुंचाई ही नहीं गई है। जबकि दस्तावेजों में इसकी खानापूर्ति कर दी गई है।
इस मामले में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन का कहना है कि आपके आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। वीडियो के जरिए पुष्टि भी हुई है। निश्चित जांच कराने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।