पिछोर। शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के मायापुर थाना सीमा में आने वाले गांव में रहने वाली महिला अपने बेटे की हड्डियां लेकर थाने पहुंची और बोली यह हड्डियां मेरे लापता बेटे की है,मुझे मेरे बेटे की चप्पल कपडे और यह हड्डियां जंगल में मिली है। महिला की बात सुनकर पुलिस भी अचंभित रह गई। पूरा मामला समझने के बाद इस मामले में मर्ग कायम कर मामला इस चैलेजिंग मामले को विवेचना में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार खडीचरा गांव की महिला सूरज बाई (50) पत्नी रमेश आदिवासी अपनी बेटी सपना आदिवासी के संग बुधवार को मायापुर पुलिस थाने पहुंची। महिला सूरज बाई ने प्लास्टिक के कट्टे से हड्डियां, चप्पल, कपड़े और कुछ बाल निकाले। महिला ने पुलिस को बताया कि मेरा बेटा मनोज आदिवासी (25) 8 मार्च की रात 8 बजे से लापता था।
आसपास व रिश्तेदारी में बेटे को तलाश रहे थे। 7 मई की दोपहर 2 बजे भड़या वाले जंगल की झाड़ियों में मरे आदमी की हड्डी व पसली मिलीं। कपड़े, बाल व चप्पल अलग अलग बिखरी हालत में पड़ी थीं। कपड़े व चप्पलों बेटे मनोज की हैं। महिला ने हड्डियां बेटे की होने का दावा किया है। महिला ने बताया कि 7 मई को लोकसभा चुनाव होने की वजह से पुलिस थाने तक आने के लिए साधन नहीं मिल पाया था। इसलिए बुधवार को थाने आई हूं। पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर लिया है।
पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराएगी पुलिस
हड्डी किसकी हैं, इसकी पहचान डीएनए टेस्ट कराने से हो पाएगी। यह हड्डियां लापता मनोज आदिवासी की हैं, पुलिस डीएनए टेस्ट क उसके बाद मृतक की पहचान हो जाएगी। मनोज कैसे और किस हालत में गायब हुआ, इसका विवेचना के बाद पता चलेगा। पुलिस के सामने इस तरह का पहला मामला है।