शिवपुरी। अपने अस्तित्व में आने से पूर्व ही विवादों में रहने वाले मेडिकल कॉलेज के लगातार नए विवाद सामने आते है रहते है अभी दो दिन पूर्व शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन की अपनी पत्नी की का फ्री की सैलरी देने की खबर की चर्चाओ को विराम नहीं मिला,उससे पहले ही फिर एक विवाद भरी खबर सामने आ गई है।
बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में ऐसे 5 सरकारी कर्मचारी है जो अपनी नियमित समय में नौकरी कर रहे है और उसकी विधिवत सैलरी भी जा रही हो रही है,लेकिन वह पैरामेडिकल कॉलेज के नियमित स्टूडेंट है जो नियम विरूद्ध है एक ही समय में पढाई और एक ही समय में नौकरी करना संभव नहीं है।
एडवोकेट प्रदीप यादव ने एक शिकायती पत्र कॉलेज प्रबंधन को लिखा है इस शिकायती पत्र के अनुसार श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी में श्रीमती पूजा शर्मा मेडिकल लैब टेक्नीशियन में डिप्लोमा (डीएमएलटी) का कोर्स कर रही है,जिसकी कॉलेज में नियमित रूप से सुबह 9 बजे से 4 बजे तक कक्षाएं लगती है। यह कॉलेज की स्टूडेंट होने के साथ साथ सरकारी कर्मचारी के रूप में वर्तमान में इनके द्वारा प्रातः 10:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक स्थापना शाखा टेक्नीशियन असिस्टेंट के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की जा रही है। एक ही समय में नौकरी और स्टूडेंट की भूमिका संदिग्ध होकर नियम विरूद्ध है।
बताया जा रहा है कि पूजा शर्मा स्थापना शाखा प्रभारी डॉ. धर्मवीर शर्मा की बहन है इस कारण इनको यह नियम विरूद्ध कार्य करने की पात्रता दी है,नियमानुसार मेडिकल कॉलेज में पदस्थ कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार का कोर्स करता है तो उसे मेडिकल कॉलेज के डीन से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है लेकिन पूजा शर्मा ने किसी भी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है,नियम यह भी कहता कि नौकरी के 5 साल बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलता है,इस एजुकेशन लिव कहा जाता है लेकिन पूजा समय की नौकरी की उम्र अभी ढाई साल ही है,पूजा शर्मा को किसी भी प्रकार से नौकरी और पढ़ाई की एक साथ पात्रता में नहीं आती है।
इसी प्रकार पंकज पाल लैब अटेंडेंट,विजय प्रताप सिंह भदौरिया टेक्नीशियन असिस्टेंट,प्रितेश दिक्षित लैब अटेंडेंट और अब्दुल परवेज खान लैब अटेंडेंट के सरकारी पर पर मेडिकल कॉलेज में सरकारी नौकरी कर रही ओर वेतन ले रहे है,यह सभी पैरामेडिकल का मेडिकल लैब टेक्नीशियन में डिप्लोमा (डीएमएलटी) भी कर रहे है। एक साथ नौकरी और डिप्लोमा करने का यह मामला सामने आया है।
शिकायत कर्ता ने मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावे और उनका एडमिशन निरस्त किया जाए या इन सभी लोगो को अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे देना चाहिए क्यो की निमय कहता है कि वर्तमान समय में एक साथ दो काम नहीं किए जा सकते है। इन सभी सरकारी कर्मचारियों को डॉ धर्मवीर शर्मा और मेडिकल कॉलेज के डीन का संरक्षण प्राप्त है इस कारण यह इस नियम विरुद्ध कार्य को कर रहे है।