संजीव जाट बदरवास। जनपद बदरवास की 20 पंचायतों में हुए 15 करोड़ के घोटाला उजागर होने के बाद प्रशासन के हाथ-पैर फूले तो 9 रोजगार सहायकों को निलंबित कर दिया। साथ ही बदरवास जनपद के सहायक यंत्री अनिल सहायक पटेरिया, परियोजना अधिकारी स्नेहलता गुप्ता को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बर्खास्त कर दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरे मामले के मुख्य दोषी रहे जनपद सीईओ अरविंद शर्मा की जांच रिपोर्ट संभागायुक्त के पास है।
बदरवास जनपद सीईओ पूर्व में तीन बार लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप हो चुके हैं। रीवा के एक मामले में तो लोकायुक्त ने पांच साल पूर्व से शासन को चालान पेश करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। जिसके चलते उक्त अधिकारी के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि बदरवास जनपद पंचायत में 20 ग्राम पंचायत में हुए 15 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। उक्त कार्रवाई में छोटे कर्मचारियों को तो वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निलंबित या सेवा से बर्खास्त कर दिया, लेकिन जो प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं उक्त अधिकारी अभी नोटिस तक ही सीमित है। क्या यह कार्रवाई भी लोकायुक्त की तरह महज कागजों तक ही सीमित रहेगी?।
जनपद सीईओ कहां-कहां हुए ट्रेप
सीईओ अरविंद शर्मा को 3 बार लोकायुक्त ने रंगे हाथो रिश्वत लेते पकड़े गए है। शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद में थे, वहां भी रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा था। वही कोरोना काल में अरविंद शर्मा की गाड़ी से विजयपुर थाना प्रभारी सतीश साहू ने 1.90 लाख रुपए बरामद किए थे। अरविंद शर्मा का कहना था कि वो रूपए ग्राम पंचायत गसमानी के सचिव के हैं। इसके अलावा अरविंद शर्मा एक विभागीय जांच में भी दोषी पाए गए और एक वेतन वृद्धि भी रोकी गई है।
सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ को लिखा पत्र
बदरवास जनपद सीईओ अरविंद शर्मा ने एक पत्र जिला पंचायत सीईओ को भेजा है। जिसमें उल्लेख किया है कि मनरेगा के पूर्व सहायक यंत्री रोहन शर्मा ने अपनी टीएस की पंजी नहीं दी है, जिसके लिए पूर्व में कहा भी गया था। यानि सीईओ का कहना है कि जो कुछ भी गड़बड़ी हुई, वो मेरे समय न होते हुए उससे पहले ही की गई है।
सतना जिले की उचेरा जनपद पंचायत का यह है मामला
3 जुलाई वर्ष 2019 को सतना जिले की उचेरा जनपद पंचायत में पदस्थ सीईओ अरविंद शर्मा का तबादला शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद सीईओ के रूप में हुआ। ट्रांसफर के बाद सीईओ द्वारा सरपंचों से वसूली की। जनपद पंचायत उचेरा की ग्राम पंचायत सरपंच से मुक्तिधाम निर्माण की राशि के भुगतान के एवज में 13 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने पकड़ा था। सरपंच ने मामले की शिकायत रीवा स्थित लोकायुक्त कार्यालय से की थी। शिकायत की तस्दीक के बाद सीईओ को रंगे हाथ पकडऩे की रणनीति बनी। रणनीति के तहत लोकायुक्त के डीएसपी बीके पटेल और इंस्पेक्टर विद्या वारिधि तिवारी के नेतृत्व में 20 सदस्यीय टीम ने उचेहरा स्थित सीईओ के चेंबर में उस वक्त दबिश दे दी, जिस वक्त सरपंच संसारी सिंह ने उन्हें रिश्वत के शेष 13 हजार रुपए पकड़ाए थे। लोकायुक्त में प्रकरण 1417/2019 दर्ज हुआ था।
बोले सीईओ बोले मिलेगा नोटिस तो देंगे जवाब
अभी मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है, तो मैं कुछ कह नहीं सकता। जब मुझे कोई नोटिस मिलेगा तो उसका भी जवाब दे देंगे। और मेरे विरुद्ध कोई प्रकरण लोकायुक्त में नहीं है।
अरविंद शर्मा, जनपद सीईओ बदरवास
नहीं आया कोई जवाब: खांडे
अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हमारे द्वारा जनपद सीईओ अरविंद शर्मा सहित अन्य को भी नोटिस दिए हैं। अगर जवाब आएगा तो उसके बाद संबंधित के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
सुदामा खांडे, संभाग आयुक्त ग्वालियर
स्वीकृति मिले तो चालान पेश करेंगे: एसपी लोकायुक्त
उचेहरा जनपद का मामला है जिसका प्रकरण नंबर 1417/2019 है। इस मामले में शासन स्तर पर अभियोजन स्वीकृति के लिए पेंडिग है। जबकि हमने 2019 में ही प्रस्ताव भेज दिया था। जैसे ही स्वीकृति मिली चालान पेश कर दिया जाएगा
गोपाल धाकड़, पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त रीवा