शिवपुरी। उधार लिए गए ऋण को न लौटाने वाले आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जितेन्द्र मेहर द्वारा चेक बाउंस मामले में आरोपी को 1 वर्ष कारावास सजा व मूल राशि 5 लाख रुपए सहित 3 लाख 65 हजार 250 रुपए का अर्थदंड लगाया है। इस तरह से कुल 8 लाख 65 हजार 250 रुपए देने के आदेश दिए है। इस मामले में परिवादी की ओर से पैरवी गिरीश गुप्ता द्वारा की गई।
परिवादी राधेश्याम पहारिया निवासी झांसी तिराहा अपना सीमेंट का व्यापार करते है और अभियुक्त उदय प्रताप पुत्र रामचरण लाल शर्मा निवासी थाटीपुर ग्वालियर जो कि सिंचाई विभाग में ठेकेदार है, ठेकेदार ने 5 लाख रुपए की सीमेंट खरीदी और 5 लाख रुपए का चेक दिया था। उक्त राशि की अदायगी 15 नवंबर 2015 को दिया। चेक को आवेदक द्वारा 6 फरवरी 2016 को अपने भारतीय स्टेट बैंक शाखा शिवपुरी में धनराशि प्राप्त करने के लिए जमा किया तो संबंधित बैंक के द्वारा पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गया।
इस बीच परिवादी राधेश्याम पहारिया के निधन के बाद उनके पुत्र शिवम पहारिया द्वारा मामले को संचालन में लिया गया न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जितेन्द्र मेहर के द्वारा पूरे मामले की प्रकरण सुनवाई उपरांत अभियुक्त उदय प्रताप को धारा 138 के तहत दोषी पाया और चेक बाउंस के मामले में 1 वर्ष के कारावास की सजा व मूल राशि 5 लाख रुपए सहित 3 लाख 65250 रुपए प्रतिकर के रूप में अभियुक्त को दंडित किया है।