नरेन्द्र जैन खनियाधाना। आसमान में शिवपुरी जिले के खनियाधाना क्षेत्र में आज सोमवार के दिन एक अदभूत नजारा देखने को मिला। सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति का घेरा दिख रहा था। और आज का सूर्योदय शिवपुरी जिले के खनियाधाना क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बना। लोगों ने आज दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच में एक अद्धृत दृश्य देखा,कि चन्द्रमा को एक गोल आकृति का घेरा घेरे हुए हैं। और देखने में वह किसी चमत्कार से कम नहीं लग रहा हैं और इसी शानदार नजारे को वहां के आम लोगों ने पत्रकारों अपने कैमरे में कैद कर लिया। तथा उस नजारे को सोशल मीडिया पर लोड कर दिया। और लोड करने के बाद कई प्रकार के कमेन्टस सोशल मीडिया पर देखने को मिले हैं।
वैज्ञानिक के अनुसार यह रिंग सूर्य और चंद्रमा का खूबसूरत गोलाकार प्रभामंडल होता है। जो 22 डिग्री एंगल पर एक-दूसरे से मिलते हैं। यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पर नहीं,बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। दरअसल मोबाइल या कैमरे के लेंस गोलाकार शेप में होते हैं। सूर्य की तस्वीर हम लोग आमतौर पर नहीं खींचते हैं।
किसी विशेष सूर्य ग्रहण के अवसर पर या चंद्र ग्रहण के अवसर पर ही हम लोग तस्वीर लेते हैं। ऐसे में सूर्य की चमक या सूर्य का प्रकाश इतना तेज होता है कि आमतौर पर जब सूरज की तस्वीर लेते हैं। तो सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति बन जाती है जिसका रंग नीला या लाल दिखाई देता है। इस तस्वीर को देखना ही एक अद्भुत नजारे के रूप में मन को अच्छा लगता है।
ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य एक आग का गोला है जो अपनी जगह पर स्थिर रहकर गोल-गोल घूमता रहता है. सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति दिखने की वजह है, मोबाइल या कैमरे के लेंस का गोलाकार आकार. सूर्य की तस्वीर लेते समय, सूर्य की चमक इतनी तेज होती है कि सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति बन जाती है. यह आकृति नीले या लाल रंग की दिखाई देती है. यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी से नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है।
ज्योतिष के अनुसार 14 तारीख को सूर्य वृषभ संक्रांति है कल सूर्य भगवान वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे यह दिन सूर्य देव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है उसी की तैयारी के कारण सूर्य देव के आसपास हम रिंग देख पा रहे हैं।
वैज्ञानिक के अनुसार यह रिंग सूर्य और चंद्रमा का खूबसूरत गोलाकार प्रभामंडल होता है। जो 22 डिग्री एंगल पर एक-दूसरे से मिलते हैं। यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पर नहीं,बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। दरअसल मोबाइल या कैमरे के लेंस गोलाकार शेप में होते हैं। सूर्य की तस्वीर हम लोग आमतौर पर नहीं खींचते हैं।
किसी विशेष सूर्य ग्रहण के अवसर पर या चंद्र ग्रहण के अवसर पर ही हम लोग तस्वीर लेते हैं। ऐसे में सूर्य की चमक या सूर्य का प्रकाश इतना तेज होता है कि आमतौर पर जब सूरज की तस्वीर लेते हैं। तो सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति बन जाती है जिसका रंग नीला या लाल दिखाई देता है। इस तस्वीर को देखना ही एक अद्भुत नजारे के रूप में मन को अच्छा लगता है।
ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य एक आग का गोला है जो अपनी जगह पर स्थिर रहकर गोल-गोल घूमता रहता है. सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति दिखने की वजह है, मोबाइल या कैमरे के लेंस का गोलाकार आकार. सूर्य की तस्वीर लेते समय, सूर्य की चमक इतनी तेज होती है कि सूर्य के चारों तरफ एक गोलाकार आकृति बन जाती है. यह आकृति नीले या लाल रंग की दिखाई देती है. यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी से नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है।
ज्योतिष के अनुसार 14 तारीख को सूर्य वृषभ संक्रांति है कल सूर्य भगवान वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे यह दिन सूर्य देव की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है उसी की तैयारी के कारण सूर्य देव के आसपास हम रिंग देख पा रहे हैं।