खनियाधाना। खनियाधाना में पिछले पंद्रह साल से मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संचालित है, परंतु आईटीआई में कोई स्टाफ नहीं होने के कारण यहां न तो अध्यनरत छात्र- छात्राओं को ट्रेनिंग मिल पाती है और न ही आज तक यहां कोई कंपनी कैम्पस सिलेक्शन के लिए आई है। यहां अध्ययनरत छात्रों को आईटीआई के नाम पर सिर्फ डिप्लोमा बांटे जा रहे हैं।
फिलहाल यहां बिना स्टाफ के ही ट्रेड बढ़ाने की तैयारी चल रही है और इसके लिए बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो चुकी है। वर्तमान में यहां पर कोपा और इलैक्ट्रीशियन ट्रेड में पढ़ाई करवाई जा रही है और संस्थान में सिर्फ दो स्थाई और तीन अतिथि शिक्षक हैं।
वर्तमान में कोपा के 40 सीट में से 36 छात्र और इलेक्ट्रीशियन के 20 सीट में से 20 छात्र हैं। मगर क्लास में केवल 10 से 12 छात्र ही मौजूद दिखे। प्रशिक्षण संस्थान की लैब भी महीनो से बंद पड़ी हुई है, बिना लैब की छात्रों को क्या सिखाया जा रहा है ये समझ से परे है। संस्थान की
टेबलों पर धूल जमा है और क्लास में लैब पर लटका ताला।
मकड़ी के जाल लगे हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि महीने में एकाध बार ही क्लास लगती है। कुछ छात्रों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि आईटीआई तो सिर्फ नाम की है। यहां न तो छात्र पढ़ने आते हैं और न ही शिक्षक पढ़ाते हैं।
इनका कहना है
हमारे पास शिक्षकों की कमी है। नई बिल्डिंग बनकर तैयार है, इस बिल्डिंग को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा, वहा ट्रेड भी बढ़ जाएंगी और प्लेसमेंट के लिए कंपनी भी आएंगी।
संतोष श्रीवास, प्रभारी प्राचार्य।