शिवपुरी। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है। आदेश तो जनहितैषी है लेकिन यह आदेश 45 दिन बाद जारी किया है इस कारण आदेश से अब किसी को लाभ नहीं मिलने वाला है,लेकिन आदेश आया है तो विभाग को खानापूर्ति करनी है। इसी खाना पूर्ति को लेकर शिवपुरी के प्रशासन ने शिवपुरी के पुस्तक प्रकाशक और स्टेशनरी संचालकों की कलेक्ट्रेट कार्यालय में शनिवार को एडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी ने एक बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाओं की किताबें बेचने के लिए पुस्तक मेले आयोजित करने की बात कही गई।
स्कूल शिक्षा विभाग ने कड़े निर्देश जिले के कलेक्टर को जारी कर हर जिले में पुस्तक मेले आयोजित करने के निर्देश दिए। इसमें कहा गया है कि ड्रेस, पुस्तक विक्रेता,प्रकाशक को एक कैंपस में बुलाकर मेला आयोजित करें। इसका सबसे बड़ा लाभ उपभोक्ता को यह होगा कि न्यूनतम दर पर उन्हें स्कूल कोर्स उपलब्ध होगा और वह निर्धारित दुकान की जगह कई दुकानों से स्कूल कोर्स के दाम तलाश कर पुस्तक और अन्य सामग्री खरीद सकेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अप्रैल में स्कूल खुलने पर अभिभावकों ने किताबें खरीद ली हैं अब पुस्तक मेला आयोजित कराने पर क्या लाभ होगा।
बैठक के दौरान तपस्या स्टेशनरी के संचालक ने कहा कि इन दिनों तो हम फालतू बैठे हैं। मार्च-अप्रैल के महीने में नए कोर्स की किताबें विक्रय होती हैं। स्कूल की अब छुट्टी भी हो गई हैं ऐसे में अब किताबें नहीं बिकेंगी और कोर्स खरीदने कौन आएगा। हमारा तो 500 रुपए का भी धंधा नहीं होगा।
जवाब में जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर बोले- शिक्षा विभाग का निर्णय है और आपको एक कैंपस में रेट लिस्ट सहित तीन दिन के पुस्तक मेले में स्टॉल लगाने हैं। रही बात पुस्तक विक्रय की तो आप इसकी चिंता न करें। खरीदार आएंगे। इसके बाद स्टेशनरी संचालक चुप हो गए।
अशोक स्टेशनरी के संचालक ने कहा कि पुस्तक मेले तो प्रकाशकों के आयोजित होते हैं, वह कमीशन भी उपभोक्ताओं को देते हैं। हम प्रकाशक नहीं हैं। इस पर डीईओ ने कहा कि आप स्टेशनरी की सामग्री तो बेचते हैं। दुकान से पुस्तकें भी बेचते हैं, आपको मेले में आना होगा। इस पर दुकानदारों ने अपनी सहमति पुस्तक मेले के लिए दे दी।