भोपाल। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव किया जा रहा है, इसे साल 2025 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा से लागू कर दिया जाएगा। यह बदलाव सवालों के फॉर्मेट से लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया तक में किया गया है। बता दें कि सीबीएसई बोर्ड 11वीं, 12वीं के फाइनल रिजल्ट रिजल्ट में हर विषय के कुल अंकों को 100 से कम कर 80 प्रतिशत कर दिया गया है। अब स्टूडेंट्स को 20 प्रतिशत मार्क्स असाइनमेंट, प्रैक्टिकल एग्जाम और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर दिए जाएंगे।
सीबीएसई बोर्ड के नए परीक्षा पैटर्न से स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा,हालांकि इससे उन स्टूडेंट्स को थोड़ा नुकसान भी होगा, जो परीक्षा से पहले रटने की आदत से मजबूर रहते हैं। सीबीएसई बोर्ड कक्षा 11, 12 के नए परीक्षा पैटर्न में कंपीटेंसी बेस्ड सवालों को बढ़ाया जाएगा। इससे स्टूडेंट्स की रटने की प्रक्रिया पर लगाम लगाई जा सकेगी। साथ ही उनकी क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स बेहतर होंगी। इससे वह रियल लाइफ की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।
सीबीएसई बोर्ड एग्जाम फॉर्मेट
सीबीएसई कक्षा 11वीं, 12वीं में एमसीक्यू, केस-बेस्ड और सोर्स बेस्ड सवालों को बढ़ाया जाएगा। कंपीटेंसी बेस्ड सवालों का प्रतिशत अब 40 से बढ़ाकर 50 तक कर दिया जाएगा। वहीं, शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले सवालों को 40 से 30 प्रतिशत कम कर दिया है,जो स्टूडेंट्स बिल्कुल पारंपरिक अंदाज में बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते हैं और किताबों से रटने पर फोकस रखते हैं, उनके लिए यह फॉर्मेट काफी अलग हो सकता है। उन्हें इस हिसाब से तैयारी करने में ज्यादा मेहनत लग सकती है।
स्टूडेंट्स को क्या फायदा मिलेगा ?
सीबीएसई परीक्षा पैटर्न में जो बदलाव लागू किए जा रहे हैं, उनसे स्टूडेंट्स को काफी फर्क पड़ेगा. कंपीटेंसी बेस्ड सवालों के बढ़ने से स्टूडेंट्स को अपनी रेगुलर एजुकेशन में प्रैक्टिकल स्किल का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। इससे सभी विषयों के बारे में उनकी समझ बेहतर होगी. सीबीएसई की नई मार्किंग स्कीम के लिए स्टूडेंट्स को अपनी मानसिकता और स्टडी पैटर्न को बदलना होगा (CBSE Marking Scheme). इससे वह लास्ट मोमेंट पर पढ़ाई करने के बजाय पूरे साल पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे।