शिवपुरी। नगर पालिका अध्यक्ष शिवपुरी गायत्री शर्मा अपनी कार्यप्रणाली के कारण चर्चाओ में रहती है,अब उनका संकट काल शुरू हो चुका है,बताया जा रहा है कि शिवपुरी नगर पालिका में चल रहे नियम विरूद्ध कार्यो को सीएम हाउस ने संज्ञान में लिया है,और विभाग के लिए आदेशित किया गया है। ऐसा इस कारण हुआ है कि शिवपुरी पार्षदों ने अध्यक्ष महोदय की शिकायत सीएम से की थी।
जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेजी गई नोटशीटों में शिवपुरी नगर पालिका पार्षदों द्वारा अध्यक्ष को गंभीर अनियमितताओं के चलते पद से पृथक करने की शिकायत का भी उल्लेख है। है। इसे लेकर नपा के पार्षदों ने फरवरी के महीने में मुख्यमंत्री के नाम भोपाल जाकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसी शिकायती आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
शिकायत में पार्षदों ने अध्यक्ष पर भुगतान में थीम रोड पर लगाई गई लाइटों के भुगतान में अनियमितता के साथ फाइलें घर पर रखने, बैठक वसूली में अनियमितता आदि का उल्लेख किया था। इसमें 39 में से 22 पार्षदों के हस्ताक्षर थे जिसमें भाजपा के पार्षद भी शामिल हैं। पार्षदो का कहना है कि हमारे द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही थी।
विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस तरह के मामलों में जांच उच्च स्तर से ही की जाती है। इसमें कई बार मंत्रालय ही जांच करवाता है। इसके साथ ही सीएमओ डा. केशव सिंह सगर को पद पर बनाए रखने के लिए पार्षदों द्वारा दिए गए आवेदन को सीएम ऑफिस ने विभाग को प्रेषित किया है।
सितंबर में लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
नगर पालिका परिषद को गठित हुए दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। पार्षदों के दो खेमे बंटे हुए हैं जो अविश्वास प्रस्ताव लाने नगर पालिका शिवपुरी। फाइल की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव दो वर्ष से पहले नहीं लाया जा सकता है। नपा एक्ट के जानकारों का कहना है कि नगर पालिका के पहले सम्मेलन की तिथि से दो वर्ष पूर्ण होने पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव में यदि आधे से अधिक पार्षद विरोध में मत देंगे तो नपा अध्यक्ष का पद रिक्त समझा जाता है। उल्लेखनीय है कि शिवपुरी नगर पालिका का पहला सम्मेलन सितंबर के महीने में हुआ था। यदि यहां पर अविश्वास प्रस्ताव लाना है तो सितंबर में लाया जा सकता है।
भाजपा का साथ नही
शहर में कुल 39 वार्ड है और इसमें से 22 पार्षदों ने शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कांग्रेस के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के पार्षद भी शामिल है यानी अध्यक्ष को उनकी ही पार्टी से सहयोग नहीं मिल रहा है। शिकायत करने वालों में भाजपा से नीलम बघेल, सरोज धाकड़, ऋतु जैन, मीना शर्मा, सुधीर आर्य, सरोज रामजी व्यास, राजा यादव, मक्खन आदिवासी, कृष्णा जाटव आदि पार्षद है। इसके साथ अन्य कांग्रेसी पार्षद हैं।