शिवपुरी। देश के प्रथम स्वाधीनता आंदोलन के महान योद्धा क्रांतिरत्न तात्या टोपे के समाधि स्थल का विकास शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। आर्यावर्त सोशल फाउंडेशन की पहल पर क्षेत्रीय सांसद डॉ. केपी यादव ने वर्ष 2021 में संसद में तात्या टोपे समाधि स्थल को राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में विकसित कराने हेतु मांग उठाई।
इस पर केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय,नई दिल्ली ने केन्द्रीय संग्रहालय अनुदान योजना के तहत् समाधि स्थल को राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने में अपनी रुचि दिखाते हुए राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया। संस्कृति विभाग ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी मई 2021 में कलेक्टर शिवपुरी की ओर अंतरित की, लेकिन कलेक्टर कार्यालय ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
जब भी कलेक्टर कार्यालय से इस संदर्भ में जानकारी ली जाती तो प्रक्रिया जारी है कह कर टाल दिया जाता था। अब संस्था द्वारा तात्या टोपे की जन्म जयंती पर 06 जनवरी को एक ज्ञापन कलेक्टर शिवपुरी को प्रधानमंत्री के नाम सौंपा। इसमें सरपंच से लेकर सांसद तक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक संगठनो के मूल पत्र संलग्न थे।
कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों पत्र लगे ज्ञापन को प्रधानमंत्री की ओर प्रेषित नहीं किया। संस्था के नितिन शर्मा का कहना है कि जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई इसके बाद कलेक्टर ने आनन-फानन में पत्र को 08 फरवरी को करीब एक महीने बाद मध्यप्रदेश शासन के सचिव को भेजा। संस्था के अध्यक्ष नितिन शर्मा का कहना है कि हमारी संस्था पिछले एक दशक से तात्या टोपे के समाधि स्थल के विकास के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन प्रशासन रुचि नहीं दिखा रहा है। अब हम कानूनी मार्ग अपनाएंगे।