शिवपुरी। शासकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की आकस्मिक चिकित्सा विभाग में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ ने मंगलवार को कोतवाली थाना में आवेदन देकर कॉलेज की आवक-जावक शाखा में पदस्थ आउटसोर्स पर पदस्थ महिला कर्मचारी द्वारा अन्य 6-7 युवकों को बुलाकर जान से मारने की धमकी की शिकायत की। पुलिस ने आवेदन लेकर मामले में जांच शुरु कर दी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोतवाली थाने में आवेदन देकर शिकायत करते हुए बताया कि आकस्मिक चिकित्सा विभाग में 8 अप्रैल सोमवार की रात करीब 8:23 बजे मेडिकल कॉलेज में आवक-जावक शाखा में कार्यरत प्रियंका जाटव, रजनीश मौर्या नाम के मरीज को लेकर आई। मरीज को सीएमओ डॉ. अनिल भारती के द्वारा देखा तो उसका एक हाथ बुरी तरह टूटा हुआ था।
डॉक्टर की सूचना पर डॉ. दीपेश सक्सेना ने 15 दिन बाद ऑपरेशन करने को कहते हुए सुबह अस्थि रोग विभाग में भर्ती होने को कहा तो प्रियंका जाटव भड़क गई और पर्चा व संबधित कागज मांगने लगी। जिसके बाद कहा कि आप लिखकर दे की मरीज की जिम्मेदारी आप ले रही है तो इसी बात पर प्रियंका भड़क गईं और गाली-गलौज करते हुए अभद्र शब्दों का प्रयोग करने लगी और फिर 6 से 7 लड़के और बुला लिए।
और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि हाथ पैर तोड़ दूंगी जान से खत्म कर दूंगी। मेरे पहुंच बहुत दूर तक है। न मैं पुलिस से डरती हूं और न जेल से डरती हूं। मैं अपने भाई को मार दूंगी और इल्जाम तुम पर लगा दूंगी। तुम लोगों को मैं अस्पताल के बाहर मरवा दूंगी। अब ऐसे हालत में हम काम कैसे करें।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोतवाली थाने में आवेदन देकर शिकायत करते हुए बताया कि आकस्मिक चिकित्सा विभाग में 8 अप्रैल सोमवार की रात करीब 8:23 बजे मेडिकल कॉलेज में आवक-जावक शाखा में कार्यरत प्रियंका जाटव, रजनीश मौर्या नाम के मरीज को लेकर आई। मरीज को सीएमओ डॉ. अनिल भारती के द्वारा देखा तो उसका एक हाथ बुरी तरह टूटा हुआ था।
डॉक्टर की सूचना पर डॉ. दीपेश सक्सेना ने 15 दिन बाद ऑपरेशन करने को कहते हुए सुबह अस्थि रोग विभाग में भर्ती होने को कहा तो प्रियंका जाटव भड़क गई और पर्चा व संबधित कागज मांगने लगी। जिसके बाद कहा कि आप लिखकर दे की मरीज की जिम्मेदारी आप ले रही है तो इसी बात पर प्रियंका भड़क गईं और गाली-गलौज करते हुए अभद्र शब्दों का प्रयोग करने लगी और फिर 6 से 7 लड़के और बुला लिए।
और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि हाथ पैर तोड़ दूंगी जान से खत्म कर दूंगी। मेरे पहुंच बहुत दूर तक है। न मैं पुलिस से डरती हूं और न जेल से डरती हूं। मैं अपने भाई को मार दूंगी और इल्जाम तुम पर लगा दूंगी। तुम लोगों को मैं अस्पताल के बाहर मरवा दूंगी। अब ऐसे हालत में हम काम कैसे करें।