शिवपुरी। बीते रोज माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं और 12वीं क्लास के परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके है। शिवपुरी जिले से 04 स्टूडेंट प्रदेश की टॉप टेन सूची में स्थान बना पाए है। वही परिणामों की समीक्षा में शिवपुरी जिला का प्रदर्शन नीचे की टॉप फाइव की सूची में दूसरे स्थान पर आया है,सीधा सा अर्थ है मप्र की सूची में सबसे दूसरे स्थान पर शिवपुरी जिले का परिणाम आया है।
2023-2024 के घोषित 10वीं और 12वीं को मिलाकर परीक्षा परिणाम 41.39 % रहा है। वही 10वीं का परिणाम 43.75 रहा है जो पिछले वर्ष से 13.69 प्रतिशत कम है और 12वीं का परिणाम इस साल 55.12 रहा है जो पिछले वर्ष से 3.37 % कम रहा है। इस प्रकार प्रदेश के जिलो की बात की जाए तो शिवपुरी जिला का 10वीं का परिणाम 51 पायदान पर है और 12वीं क्लास के परिक्षा का परिणाम 46 नंबर पर है।
यह दी जा रही है दलीले-सब हसना मत
शिवपुरी जिले के परीक्षा परिणामों को लेकर हालांकि अधिकृत रूप से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अपना पक्ष नहीं रखा है लेकिन दबी जुबान में यह दलील जा रही है,इन सभी दलीलो को पढकर हसना आता है।
1. पहले विधानसभा चुनाव होने के चलते विद्यार्थियों की कक्षाओं से छुट्टी हो गई वह पढ़ाई पर फोकस नहीं कर सकें और शिक्षकों ने भी प्रॉपर कक्षाएं नहीं ली, नतीजा विद्यार्थियों का रिवीजन नहीं हुआ और जिले का परिणाम बिगड़ा।
2. विधानसभा चुनाव के दौरान छुट्टियां लगने से कोर्स पूरा नहीं हो सका और रिवीजन भी नहीं हुआ। इसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव की तैयारी आ गई और परीक्षा भी समय से पहले हो गई, नतीजा यह रहा कि विद्यार्थी वह परिणाम नहीं दे सके जो पिछली बार रहा।
3. परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव रहा। इसलिए कॉपी चेक करने वाले शिक्षकों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अधिकांश विद्यार्थी ओटी में भी फैल रहे। क्योंकि प्रश्न पत्र परीक्षा कक्षा के अंदर तब खुला जब विद्यार्थियों ने परीक्षा कक्षा के अंदर प्रवेश ले लिया। अब तक परीक्षा कक्षा के बाहर पेपर खुल जाता था, और कई जगहों पर ओटी हल करने में विद्यार्थियों को मदद मिल जाती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ, इसलिए भी परिणाम बिगड़ा।
4. मॉनिटरिंग की कमी सबसे बड़ी वजह रही। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक साल एक परिसर योजना तो संचालित की लेकिन स्कूलों में पढ़ाई पर ना फोकस कर सकी और न ही लापरवाही बरतने वाले स्कूल शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नतीजा परिणाम बिगड़ गया।
यह सब दलीलें शिक्षा विभाग के अधिकारी दे रहे है लेकिन सवाल यह बनता है कि विधानसभा सभा चुनाव पूरे मध्यप्रदेश में थे,तो फिर शिवपुरी जिला नीचे बनी टॉप 5 सूची में कैसे रह गया। जिले का परीक्षा परिणाम 41.39 प्रतिशत रहा है,और मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले का परीक्षा परिणाम 80 %से भी अधिक है,अगर दोनों का तुलनात्मक देखे तो डबल का अंतर है।
जिला डीईओ कार्यालय इस बात से अपनी पीठ थपथपा रहा है कि इस बार बच्चे नकल नहीं कर पाए,इतनी सख्ती की गई। कई ग्रामीण बच्चे ओटी नहीं कर सके। इसका मतलब यह है कि इस बार से पहले बार नकल होती थी,नकल की दम पर बच्चा पास होता था।